परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
ईश्वरप्राप्ति हेतु तन-मन-धन का त्याग करना पडता है । इसलिए धनप्राप्ति के लिए जीवन व्यर्थ करने की अपेक्षा सेवा करके धन के साथ तन और मन का भी त्याग किया, तो ईश्वरप्राप्ति शीघ्र होती है !
ईश्वरप्राप्ति हेतु तन-मन-धन का त्याग करना पडता है । इसलिए धनप्राप्ति के लिए जीवन व्यर्थ करने की अपेक्षा सेवा करके धन के साथ तन और मन का भी त्याग किया, तो ईश्वरप्राप्ति शीघ्र होती है !
त्रेतायुग में विश्वयुद्ध का कारण भारतवर्ष था, द्वापरयुग में भी विश्वयुद्ध का कारण भारतवर्ष था तथा इस बार भी भारत को ही विश्वयुद्ध का कारण बनना होगा । संपूर्ण संसार में परिवर्तन लाने लिए अब भारत को ही कारण बनना होगा ।
महाराष्ट्र को संतों की महान परंपरा प्राप्त है । संतों ने साधना कर अपना तथा समाज का उद्धार करने की शिक्षा दी है । इसलिए यहां आज भी संतों का मान-सम्मान किया जाता है; परंतु महाराष्ट्र की इस परंपरा पर १६ अप्रैल को निर्मम प्रहार हुआ ।
कुछ वर्ष पूर्व एक युवक आतंकी संगठन इसिस में भर्ती होने हेतु इराक जाने के मार्ग में था । भारतीय गुप्तचर संस्थाओं ने उसे भाग्यनगर (हैदराबाद) हवाई अड्डे पर रोका । कल्याण से ४ युवक इसिस में जाने हेतु भागे थे ।
आज के बच्चे कल के आदर्श भारत के शिल्पकार हैं ! पश्चिम के अंधानुकरण एवं ‘टीवी’ के अतिरेक से भटक रही आज की पीढी को सुसंस्कारी एवं आदर्श बनाने का मार्ग है, ‘बालसंस्कार’ ग्रंथमाला !
कोरोना के प्रकोप होने की स्थिति में चिंता होना, भय प्रतीत होकर अस्वस्थ लगना आदि स्वभावदोषों का प्रकटीकरण होने की संभावना रहती है । अतः उचित स्वसूचनाएं देने से प्राप्त स्थिति से बाहर निकलने में सहायता मिलती है ।
आजकल कोविड-१९ की चिकित्सा करने हेतु पूरे विश्व में चर्चा में रहे क्लोरोक्वीन औषधि के जनक महान वैज्ञानिक आचार्य प्रफुल्लचंद्र रे के संदर्भ में जानकारी लेना महत्त्वपूर्ण होगा ।
तापमान एवं कोरोना विषाणु के विषय में विविध देशों के शास्त्रज्ञों द्वारा किया हुआ व्यापक अध्ययन !
यह लेख कोई चिकित्सकीय सलाह नहीं है । यह लेख इन दिनों में प्रकाशित अनेक ब्यौरे और अध्ययन पर आधारित है ।
स्वाईन फ्लू रोग कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, उसे जानबूझकर बनाया गया है । इस महामारी के लिए स्विट्जरलैंड प्रतिष्ठान नोवार्टीस व फोर्ट डोट्रिक नामक अमेरिकन सेना की बायोलॉजिकल प्रयोगशाला अपराधी है ।
सुपरमैन जैसे काल्पनिक पात्र नहीं; अपितु श्री हनुमान जैसे देवता ही संकटकाल में हमारी रक्षा हेतु दौडकर आ जाते हैं । अतः उनकी भक्ति करें !