सुपरमैन जैसे काल्पनिक पात्र नहीं; अपितु श्री हनुमान जैसे देवता ही
संकटकाल में हमारी रक्षा हेतु दौडकर आ जाते हैं । अतः उनकी भक्ति करें !
निरर्थक तथा अनेक घंटे व्यर्थ करनेवाले खेल
क्रिकेट : कई बार ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देशों में होनेवाले क्रिकेट के खेलों का सीधा प्रसारण भारत में प्रातःकाल से ही आरंभ हो जाता है । किंतु अन्य समय पढाई के लिए प्रातः उठने में आलस करनेवाले बालक क्रिकेट देखने के लिए प्रातः उठ जाते हैं । क्रिकेट के पागलपन में कई बालकों का पढाई में मन नहीं लगता है । पढाई अल्प होने से उन्हें परीक्षा में अल्प अंक मिलते हैं । क्रिकेट खेखने में या खेलने में समय व्यर्थ करने पर माता-पिता की डांट खानी पडती है ! अनेक बालक प्रसिद्धि पाने या धन अर्जित करने के लिए भी क्रिकेट खिलाडी बनने का ध्येय रखते हैं । ऐसे ध्येय का समाज या देशहित में कुछ उपयोग नहीं होता है ।
डब्ल्यू डब्ल्यू ई समान मारपीट के खेल खेलने से हाथ-पैरों में चोट लगना संभव : डब्ल्यू डब्ल्यू ई समान खेल में मारपीट दिखाई जाती है । उसे देखकर बालक भी प्रत्यक्ष में वैसी मारपीट करते हैं । इससे बालकों के हाथ-पैरों में चोट लग सकती है ।
बच्चो, ध्यान रखें – प्रत्येक में भगवान है । इस प्रकार एक-दूसरे को मारने से पाप लगता है ।
डरावने चलचित्रों के कारण (हॉरर चलचित्रों के कारण) होनेवाले दुष्परिणाम
१. भययुक्त चलचित्र देखते समय बालक डर जाते हैं तथा उनके संवेदनशील मन पर विपरीत परिणाम होता है । कई बार उन्हें मानसिक आघात भी पहुंच सकता है । ऐसे बालक रात को नींद में चौंक जाते हैं, चीखते या रोते हुए उठते हैं ।
२. भूतों के चलचित्रों में दिखाए जानेवाले भूतों की ओर वातावरण की अनिष्ट शक्तियां आकर्षित होती हैं । इससे अनिष्ट शक्तियों की पीडा होने की संभावना होती है ।
कार्टून के पात्रों का अनुकरण करने से बालकों को होनेवाली हानि
१. कुछ बालक कार्टून के पात्रों समान बोलना, विचित्र प्रकार से छलांग लगाना इत्यादि कृत्य करते हैं ।
२. बालक कार्टून में दिखाए अनुसार खेलते समय मित्र को घूंसा मारना, अन्यों पर अधिकार जमाना ऐसे अयोग्य कृत्य करते हैं । कार्टून के पात्रों में दूसरों से द्वेष करना, प्रतिशोध लेना आदि अवगुण होते हैं । बालकों पर इन अवगुणों का परिणाम होता है ।
बालकों के लिए स्पाइडरमैन, सुपरमैन एवं शक्तिमान, ऐसे काल्पनिक पात्रों के धारावाहिक दूरदर्शन पर दिखाए जाते हैं । दूरदर्शन पर शक्तिमान नामक एक धारावाहिक में एक दुष्ट व्यक्ति ऊंची अट्टालिका से बालकों एवं बडों को नीचे फेंकता है । उस समय शक्तिमान उडते हुए आता है एवं उन्हें बचा लेता है । यह देखने पर शक्तिमान बच्चों को बचाने आता है, ऐसा गने से कुछ बालकों ने प्रत्यक्ष में ऊंची अट्टालिकाओें से नीचे छलांग लगा दी । उस समय शक्तिमान उन्हें बचाने नहीं आया, यह आपको बताने की आवश्यकता नहीं ॐ
(संदर्भ : टीवी, मोबाइल एवं इंटरनेट की हानिसे बचें और लाभ उठाएं)
दूरदर्शन पर दिखाए जानेवाले कुछ विज्ञापनों से भी सावधान रहें !
दूरदर्शन पर वेफर्स, कुरकुरे, चॉकलेट आदि खाद्यपदार्थ एवं कृत्रिम शीतपेय (उदा. पेप्सी, कोकाकोला) आदि के विज्ञापन आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किए जाते हैं । कृत्रिम शीतपेय पीकर अच्छी बल्लेबाजी (बैटिंग) करना संभव होता है, इन विज्ञापनों द्वारा ऐसा आभास भी उत्पन्न किया जाता है । बच्चो, अब आप ही विचार करें, कुरकुरे खाकर यदि शक्ति मिलती, तो खानेवाले बच्चे पहलवान क्यों नहीं बनते ये सभी विज्ञापन हमें उस पदार्थ के मोह में डालने के लिए होते हैं । ये पदार्थ या पेय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही होते हैं ! कृत्रिम शीतपेयों में कार्बन डाइ-ऑक्साईड होता है । कृत्रिम शीतपेय पीते समय तो हम कार्बन डाइ-ऑक्साईड शरीर के अंदर ले रहे हैं ! है या नहीं अपने शरीर की हानि ? ऐसे पदार्थ एक-दो बार खाने-पीने से, उनका व्यसन ही लग जाता है ।
इसलिए बच्चो, ऐसे पदार्थों से होनेवाली हानि ध्यान में रखें एवं उनके अधीन न हों ! मां-पिताजी आपके लिए प्रेम से ऐसे खाद्यपदार्थ यदि लाते हों, तो उन्हें मना कर दें !