चिंता से मुक्त होने की सरल पद्धति है – स्वसूचना !

१ उचित विचार मन को ५ बार बताएं । यह कृति दिनभर में ५ बार करें ।

     कोरोना के प्रकोप होने की स्थिति में चिंता होना, भय प्रतीत होकर अस्वस्थ लगना आदि स्वभावदोषों का प्रकटीकरण होने की संभावना रहती है । अतः उचित स्वसूचनाएं देने से प्राप्त स्थिति से बाहर निकलने में सहायता मिलती है । मनोबल बढकर स्थिर रहना संभव होने हेतु अंतर्मन को कौनसी स्वसूचनाएं दी जा सकती हैं, इसका विवरण आगे दिया गया है ।

 

(मन की समस्याओं को दूर करने हेतु उसे उचित स्वसूचनाएं देना स्वभावदोष-निर्मूलन प्रक्रिया का भाग है । स्वभावदोष-निर्मूलन प्रक्रिया को समझने हेतु पढें – सनातन की ग्रंथमाला स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन (५ खंड))

अधिक जानकारी हेतु देखें : bit.ly/33XU8y1