स्थानीय लोगों द्वारा विरोध करने से एक राज्य के एक धर्माभिमानी ने ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में सम्मिलित होना रद्द किया !
यह है धर्मांध ईसाईयों की उद्दंडता ! इससे ‘प्रेम एवं शांति’ की बातें करनेवाले धर्मांधों का वास्तविक चेहरा सामने आता है ! ऐसे धर्मांध ईसाई भारत की अखंडता के लिए संकट हैं, यह समझें !