श्रीलक्ष्मी देवी का अपमान करनेवाले और ‘लव जिहाद’ को प्रोत्साहन देनेवाले चलचित्र ‘लक्ष्मी बम’ के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाएं ! – हिन्दू जनजागृति समिति

तीव्र आंदोलन की चेतावनी

उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

मुंबई – दीपावली की पृष्ठभूमि पर अभिनेता अक्षय कुमार का चलचित्र ‘लक्ष्मी बम’ 9 नवंबर को प्रदर्शित होनेवाला है । दीपावली की पृष्ठभूमि पर उसका नाम हेतुतः ‘लक्ष्मी बम’ रखा गया है । इसलिए हमारी पहली आपत्ति इस चलचित्र के नाम को है तथा इससे करोडों हिन्दुओं की देवी माता श्रीलक्ष्मीदेवी का अनादर किया गया है । एक ओर हिन्दू देवता का अपमान करनेवाले ‘लक्ष्मी पटाखे’ बंद करने के लिए हम गत अनेक वर्षाें से उद्बोधन कर रहे हैं, इस चलचित्र के नाम के कारण उन्हें पुनः प्रोत्साहन ही मिलनेवाला है । उसी प्रकार इस चलचित्र के नायक का नाम आसिफ और नायिका का नाम ‘प्रिया यादव’ रखा गया है अर्थात उससे मुसलमान युवक और हिन्दू युवती के संबंध दिखाकर हेतुतः ‘लव जिहाद’ को प्रोत्साहन ही दिया गया है । इसलिए ‘लक्ष्मी बम’ चलचित्र के प्रदर्शन पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने की है ।

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे

श्री. शिंदे ने आगे कहा कि,

१. हिन्दू जनजागृति समिति ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख से यह मांग की हैएक ओर ‘मोहम्मद : दि मेसेंजर ऑफ गॉड’ नामक चलचित्र के कारण मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, इसलिए महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने स्वयं संज्ञान लेकर उस पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी । उसी आधार पर हिन्दुओं के देवताओं का अपमान करनेवाले चलचित्र ‘लक्ष्मी बम’ पर भी सरकार प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करे ।

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२. इस चलचित्र के ट्रेलर में अक्षय कुमार एक प्रेतबाधित की भूमिका कर रहा है । उसका भूत तृतीय पंथीय होने का आभास हो रहा है । उसी प्रकार बडा लाल कुमकुम, लाल साडी, केश खुले छोडना, हाथ में त्रिशूल लेकर नाचना, मानो देवी का रूप दिखाने का प्रयत्न किया गया है, यह अत्यंत निंदनीय है । दीपावली के निमित्त ‘लक्ष्मी बम’ के नाम से चलचित्र बनानेवाले क्या कभी ईद के निमित्त ‘आएशा बम’, ‘शबीना बम’, ‘फातिमा बम’ के नाम से चलचित्र बनाने का साहस करेंगे ? जिस प्रकार मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का विचार चलचित्र निर्माता और शासक करते हैं, वैसा ही विचार हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का क्यों नहीं करते ? हिन्दुओं से पक्षपात करना ही क्या सर्वधर्मसमभाव की व्याख्या है ? हिन्दू विरोध ही मानो वर्तमान सेक्युलरिजम हो गया है ।

३. चलचित्र निर्माती शबीना खान और लेखक फरहद सामजी होने के कारण वे हेतुतः हिन्दूद्वेष फैला रहे हैं, ऐसा ध्यान में आता है । यदि इन मांगों की उपेक्षा की गई, तो तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी भी श्री. शिंदे ने इस समय दी है ।