आंध्र प्रदेश में हिन्दू मंदिरों पर हो रहे आक्रमण : नया ‘इन्वि प् जिशन’ ?

श्री. रमेश शिंदे

     स्‍वतंत्रता से पूर्व विधर्मियों द्वारा और देश के विभाजन के उपरांत भी मंदिरों पर किए जा रहे आक्रमणों की शृंखला अभी भी जारी है । यद्यपि आज देश में आक्रमणकारी का राज नहीं है, तब भी आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल आदि राज्‍यों में हिन्‍दू मंदिरों पर बडी संख्‍या में आक्रमण हो रहे हैं । विशेष रूप से आंध्र प्रदेश में मई २०१९ में ईसाईपंथी जगनमोहन रेड्डी की सरकार सत्ता में आने के उपरांत मंदिरों पर हो रहे आक्रमणों की संख्‍या बढी है । साथ ही आंध्र प्रदेश में एक प्रकार से ईसाई धर्मप्रचार को राजाश्रय मिला है । इस विषय से संबंधित लेख यहां दे रहे हैं ।

संकलनकर्ता : श्री. रमेश शिंदे, राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता, हिन्‍दू जनजागृति समिति

१. बहुसंख्‍यक हिन्‍दुआें के भारत में मंदिरों की सुरक्षा का प्रश्‍न उठा !

     भारत के इतिहास में मुगल आक्रमणकारियों द्वारा हिन्‍दुआें के मंदिरों पर आक्रमण कर उन्‍हें लूटकर उनका विध्‍वंस करना आदि घटनाआें का उल्लेख है । मुगलों के पश्‍चात गोवा आदि प्रदेशों में ईसाई पादरी फ्रान्‍सिस जेवियर की मांग पर ‘इन्‍क्‍विजिशन’ हुआ, उसमें भी हिन्‍दू मंदिरों का विध्‍वंस किया गया । वर्ष १९४७ में भारत के विभाजन के समय भी हिन्‍दू मंदिरों पर आक्रमण हो ही रहे थे । तत्‍पश्‍चात १९९० में कश्‍मीर में जिहादी आतंकवाद का एक नया अध्‍याय आरंभ हुआ । उस समय भी वहां के हिन्‍दुआें पर बहुत बडी मात्रा में आक्रमण किए गए और वहां के हिन्‍दू मंदिरों के साथ ही वहां की मूर्तियों की तोडफोड की गई । उसके कारण हिन्‍दूबहुसंख्‍यक भारत में हिन्‍दू मंदिरों की सुरक्षा का प्रश्‍न उठा है ।

२. आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के कार्यकाल में हिन्‍दू मंदिरों पर होनेवाले आक्रमण की घटनाआें में वृद्धि !

     आज देश में किसी भी बाह्य आक्रमणकारी का राज नहीं है, साथ ही सत्ता में आनेवाली नई सरकार को सभी नागरिकों की आस्‍था और उपासना के प्रति समानभाव रखकर रक्षा करने की शपथ लेनी पडती है; परंतु संवैधानिक सरकारें होते हुए भी आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल आदि राज्‍यों में हिन्‍दू मंदिरों पर बडी संख्‍या में आक्रमण हो रहे हैं । विशेषतः आंध्र प्रदेश में मई २०१९ में वाईएसआर कांग्रेस के ईसाईपंथी जगनमोहन रेड्डी की सरकार सत्ता में आने के उपरांत मंदिरों पर आक्रमणों की संख्‍या बढ गई है । पिछले कुछ महीनों में राज्‍य में १८ मंदिरों पर आक्रमण किए गए । इससे गोवा के ‘इन्‍क्‍विजिशन’ के उपरांत अब आंध्र प्रदेश में भी कहीं ‘इन्‍क्‍विजिशन’ तो नहीं चल रहा है ?’, यह प्रश्‍न उठ रहा है ।

३. आंध्र प्रदेश में ईसाई धर्मप्रसार को राजाश्रय !

अ. हमें यह ध्‍यान में रखना होगा कि आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की बहन के पति अनिल कुमार राज्‍य के प्रसिद्ध ‘इवेंजेलिस्‍ट’ (ईसाई प्रचारक) हैं । वे ‘अनिल वर्ल्‍ड इवेंजेलिजम’ नामक संगठन चलाते हैं । एक हिन्‍दू ब्राह्मण परिवार में जन्‍मे अनिल कुमार ने जगनमोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला रेड्डी से विवाह करने के उपरांत ईसाई पंथ स्‍वीकार किया । उन्‍होंने एक भेंटवार्ता में बताया, ‘‘मुझे छोटे गांवों में ईसाई धर्मप्रचार करना बहुत प्रिय है । साथ ही गांवों में छोटे-छोटे चर्च बनाना मेरा उद्देश्‍य है ।’

आ. ईसाईयत के प्रचार के लिए अनिल कुमार को ‘डोनेशन’ मिलता है और कुछ अल्‍प भी पडा, तो व्‍यवसायी रेड्डी परिवार की ओर से उन्‍हें आर्थिक सहायता मिलती है । आंध्र प्रदेश के ईसाई संगठन उन्‍हें सम्‍मान देते हैं और ऐसा भी कहा जाता है कि जगनमोहन रेड्डी के सत्ता में वापस आने के पीछे ईसाई जनसंख्‍या में वृद्धि कर ईसाईयों की ‘वोट बैंक’ बनानेवाले अनिल कुमार द्वारा उठाए गए परिश्रम ही मुख्‍य कारण है ।

इ. फरवरी २०२० में आंध्र प्रदेश के सभी पादरियों की बैठक में (‘दैव सेवाकुला सदस्‍य’ में) अनिल कुमार को मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था । आश्‍चर्य की बात यह कि यह केवल पादरियों की बैठक होते हुए भी उसमें मुख्‍यमंत्री रेड्डी के वाईएसआर कांग्रेस की विधायक के. भाग्‍यलक्ष्मी और सेट्टी फाल्‍गुना अनेक कार्यकर्ताआें के साथ उपस्‍थित थे ।

उ. मुख्‍यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने तो हज यात्रा की भांति ईसाई लोगों को जेरूसलेम की यात्रा के लिए भी अनुदान देने की घोषणा कर अपनी ‘वोट बैंक’ को लुभाने का प्रयास किया । जब राजसत्ता ही धर्मनिरपेक्षता छोडकर किसी पंथ के प्रचार में सहायता दे रही हो, तो आंध्र प्रदेश के हिन्‍दुआें के साथ न्‍याय कैसे हो सकता है ? जब से यह सरकार आई है, तब से हिन्‍दू मंदिरों पर हो रहे आक्रमणों की शृंखला जारी है ।

४. आंध्र प्रदेश में हिन्‍दू मंदिरों पर हो रहे आक्रमणों के कुछ उदाहरण

अ. फरवरी २०२० में नेल्लोर में प्रसन्‍ना वेंकटेश्‍वर मंदिर का रथ जलाया गया ।

आ. गुंटूर जनपद के रोमपीचेरला गांव में श्रीवेणुगोपाल स्‍वामी मंदिर में देवताआें की मूर्तियां तोडी गईं ।

इ. कृष्‍णा जनपद के वत्‍सवई मंडल के मककपेटा गांव में ऐतिहासिक काशी विश्‍वेश्‍वर स्‍वामी मंदिर में स्‍थित नंदी की मूर्ति तोडी गई ।

ई. आंध्र प्रदेश के गोदावरी जनपद के अंतरवेदी में प्रसिद्ध श्री लक्ष्मीनरसिंह स्‍वामी मंदिर है । ६ सितंबर २०२० को वहां के ६२ वर्ष पुराने रथ को आग लगाकर उसे नष्‍ट कर दिया गया ।

उ. चित्तूर जनपद में अगारा मंगलम् गांव है । २७ सितंबर २०२० को इस गांव के शिवमंदिर पर आक्रमण कर वहां के नंदी के रथ में लगे चांदी के ३ सिंह चोरी किए गए ।

५. हिन्‍दू मंदिरों पर किए जा रहे आक्रमणों के संदर्भ में मुख्‍यमंत्री

जगनमोहन रेड्डी सरकार की निष्‍क्रियता अथवा अपराधियों को प्रोत्‍साहन ?

     ये उक्‍त कुछ घटनाएं हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश में मंदिरों को लक्ष्य बनाकर आक्रमण किए गए; परंतु सरकार ने इन आक्रमणों को गंभीरता से नहीं लिया । जहां मूर्तियों की तोडफोड, मंदिर के प्राचीन रथ जलाना आदि घटनाएं हो रही हैं, इन सब के पीछे चोरी का उद्देश्‍य निश्‍चित रूप से नहीं है । पिछले कुछ महीनों में ऐसी १८ घटनाएं उजागर हुईं; परंतु एक भी घटना में न दोषी पकड में आया और न ही उनका अन्‍वेषण हुआ । जगनमोहन रेड्डी के संदर्भ में यह पहली बार ही हो रहा है, ऐसा नहीं है । वे जब सत्ता में आए, उसी समय विपक्षी दलों ने ईसाई धर्मांतरण को बढावा मिलने का आरोप लगाया था । ईसाई धर्मप्रचारक और मिशनरी संगठनों द्वारा राज्‍य में अनाकलनीय वातावरण बनाया गया । राज्‍य में ईसाई धर्म को प्रोत्‍साहन देने हेतु जगनमोहन रेड्डी ने कदम उठाए हैं तथा वे उन्‍हें संरक्षण दे रहे हैं और हिन्‍दू मंदिरों पर हो रहे आक्रमणों के संदर्भ में उन्‍होंने अपनी सुविधा के अनुसार मौन धारण किया है । कदाचित हिन्‍दू मंदिरों पर बार-बार आक्रमण किया जाना, इसी का परिणाम है । मंदिरों पर हुए आक्रमणों के प्रकरण में कोई कार्यवाही होना तो दूर; अपितु आंध्र सरकार की नागरी आपूर्ति तथा ग्राहक संरक्षण मंत्री कोडाली नानी ने मंदिरों पर हो रहे आक्रमणों के संदर्भ में आपत्तिजनक वक्‍तव्‍य देते हुए कहा, ‘‘मूर्तियां लापता हुईं, तो उससे क्‍याहोता है ? मूर्तियों की तोडफोड का देवताआें पर तो कोई परिणाम नहीं होगा न ?’’

६. दोषियों को दंडित करने हेतु वाईएसआर कांग्रेस सरकार पर दबाव डालना आवश्‍यक !

     किसी मस्‍जिद अथवा चर्च पर एक पत्‍थर भी गिरा, तो देश के ‘सेक्‍युलर’ प्रसारमाध्‍यम आकाश-पाताल एक कर देते हैं; परंतु हिन्‍दू मंदिरों पर निरंतर आक्रमण होने पर तथा वहां की मूर्ति की तोडफोड होते समय भी धारण किए गए मौन की आड में हिन्‍दुत्‍व के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है । राज्‍य सरकार यदि ईसाईकरण का कार्य कर रही हो, तो केंद्र सरकार को उसकी ओर ध्‍यान देकर मंदिर आक्रमण के दोषियों को कठोर दंड मिलने हेतु वाईएसआर कांग्रेस सरकार पर दबाव डालना चाहिए ।

– श्री. रमेश शिंदे, राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता, हिन्‍दू जनजागृति समिति