स्वामी विवेकानंदजी ने अपने गुरु के आशीर्वाद से हिन्दू धर्म का प्रसार विश्‍व में किया, उसी प्रकार परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के आशीर्वाद से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – श्री. मानस सिंह राय, भारतीय साधक समाज

स्वामी विवेकानंदजी

योद्धा संन्यासी स्वामी विवेकानंदजी की जयंती पर हिन्दू

जनजागृति समिति द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रम

धनबाद (झारखंड) ‘स्वामी विवेकानंदजी ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंसजी के आशीर्वाद से हिन्दू धर्म का प्रसार अखिल विश्‍व में किया, उसी प्रकार सनातन संस्था के संस्थापक तथा हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेेजी के आशीर्वाद से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी, और हमें इस कार्य में यथाशक्ति सहभाग लेना है । यही आज के काल की आवश्यकता है !’ ऐसा वक्तव्य भारतीय साधक समाज, प. बंगाल से श्री. मानस सिंह राय ने किया । वे ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ अर्थात ‘स्वामी विवेकानंदजी की जयंती’ पर हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘ऑनलाइन’ श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में झारखंड राज्य के धनबाद, जमशेदपुर, रांची, कतरास के साथ बंगाल, असम और मेघालय राज्यों के जिज्ञासुआें ने भी सहभाग लिया । बैठक में हिन्दू जनजागृति समिति के धनबाद से श्री. अमरजीत प्रसाद व बंगाल के श्री. सुमन्त देबनाथ सहभागी हुए । इस कार्यक्रम में सनातन संस्था के पूर्व एवं पूर्वोत्तर राज्य संगठक, श्री. शंभू गवारे, श्रीकृष्ण सेना, बंगाल के श्री. विजय यादव, असम से श्री. कृशानु पाल तथा महावीर अखाडा, आसनसोल के श्री. अरविन्द साह ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की । श्री. यादव ने कहा, ‘स्वामीजी के कार्य से प्रेरणा लेकर आज के युवाओं को धर्म कार्य में सहभागी होने की आवश्यकता है ।’ श्री. कृशानु पाल ने बताया कि ‘स्वामीजी के जीवन के बारे में बोलने के लिए मेरा पूरा जीवन भी कम पडेगा, इतना महान कार्य उन्होंने किया है ।’ श्री. अरविंद साह ने कहा, ‘१२ जनवरी १८६३ को जन्मे नरेन्द्र बचपन से ही श्रद्धालु और निर्भय थे। १८७० में ईश्‍वरचंद्र विद्यासागर पाठशाला में ७ -८ महीने उन्होंने अंग्रेजी यह कहकर अस्वीकार की कि “मैं गोरों की भाषा कदापि नहीं पढूंगा”। श्री. शंभू गवारे ने बताया कि ‘जिस प्रकार स्वामीजी ने अपना पूरा जीवन हिन्दू धर्म की सेवा हेतु समर्पित किया, उसी प्रकार आज हिन्दू राष्ट्र अर्थात धर्मराज्य स्थापना हेतु हमें समर्पित होनेकी आवश्यकता है ।’ कार्यक्रम में एक मिनट के लिए श्री गुरुदेव दत्त’ का सामूहिक नामजप करते हुए स्वामीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।