प्रयाग स्नान
नूतन लेख
- ब्रह्मोत्सव में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की साधिकाओं द्वारा नृत्य के माध्यम से साकारित मनोहारी विष्णुलीला !
- छोटे-बडे सभी अनुभव करते नम्रता व प्रीति । कर जुड जाते लेकर दिव्यता की प्रतीति ।।
- प.पू. आठवले गुरुजी द्वारा बनाए गए सिद्धांत सच्चे साधक कलाकारों का मार्गदर्शन करते रहेंगे ! – पंडित निषाद बाकरे, शास्त्रीय गायक, ठाणे
- साधना के प्रसार हेतु कठोर परिश्रम करनेवाले तथा अद्वितीय शोधकार्य करनेवाले प.पू. डॉ. आठवलेजी !
- जिनकी आध्यात्मिक सीख के कारण सहस्रों लोगों का जीवन की ओर देखने का दृष्टिकोण परिवर्तित होता है, वे परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी ! – पू. डॉ. राजकुमार केतकर, प्रसिद्ध कथक नृत्याचार्य, ठाणे, महाराष्ट्र.
- सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का तेज देखकर संत तुकाराम महाराजजी द्वारा रचित ‘राजस सुकुमार…’, इस अभंग (भक्तिगीत) की प्रतीति होती है ! – सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक पू. पंडित डॉ. केशव गिंडेजी