सनातन संस्था की ओर से उत्तर भारत में हिन्दू नववर्ष के निमित्त विविध उपक्रमों के माध्यम से जनजागृति
नववर्ष ३१ दिसंबर को न मनाकर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को क्यों मनाना चाहिए ?’, इस विषय पर सनातन संस्था की ओर से विविध स्थानों पर प्रवचन का आयोजन किया गया ।