मृत देह प्राप्त करने में प्रशासकीय यंत्रणा पर टालमटोल करने का आरोप
कोरोना काल में शासकीय प्रणालियों की सीमाएँ प्रतिदिन प्रकट हो रही हैं। ध्यान दें कि सभी पार्टीयों के शासक इस परिस्थिति के लिए जिम्मेदार हैं!
कानपुर (उत्तर प्रदेश) – कारगिल युद्ध में सहभागी रहे वयोवृद्ध मेजर (सेवानिवृत्त) हरि राम दुबे ने अपने बेटे को कोरोना में खो दिया। उन्होंने कहा ’’मैंने १९८१ से २०११ तक अपनी मातृभूमि की सेवा की । मैंने कारगिल से बारामूला, लद्दाख से लुकुंग तक अपने कर्तव्य निभाए हैं । मैंने बारामूला में आतंकवादियों को मारा और कारगिल में पाकिस्तान के विरिद्ध लड़ाई लड़ी; लेकिन शासकीय यंत्रणा मेरे बेटे को बचा नहीं सकी। अब यह शासन मुझे दस्तावेजों के लिए भटका रहा है। मेरे बेटे की मृत्यु हो गई है और यह व्यवहार मेरे ऊपरअत्याचार है ’’, ऎसा उन्होंने आरोप लगाया।