अमरिका से प्राप्त होनेवाली आर्थिक सहायतो को नेपाली जनता का विरोध !
अमरिका चीन का शत्रू राष्ट्र है ; क्या चीन का छुपा समर्थन होने के कारण नेपाल द्वारा विरोध किया जा रहा है? क्या अमरिका इसे ढूंढ निकालेगी?
अमरिका चीन का शत्रू राष्ट्र है ; क्या चीन का छुपा समर्थन होने के कारण नेपाल द्वारा विरोध किया जा रहा है? क्या अमरिका इसे ढूंढ निकालेगी?
चीन का यह प्रयास भारत के लिए संकटकारी !
नेपाल में ११ नवंबर से १२ वीं जनगणना का प्रारंभ हुआ है । नेपाल ने भारत की सीमा के कुछ क्षेत्रों पर दावा किया है । वहां उपग्रह द्वारा जनगणना की जा सकती है, ऐसा नेपाल ने कहा है । इस पर भारत ने नेपाल को सीमा न लांघने की चेतावनी दी है ।
प्रदर्शनकारियों ने, “चीन को हमारी भूमि वापस करनी चाहिए” एवं “चीन वापस जाओ” के नारे भी लगाए ।
‘नेपाल भारत से मित्रता के संबंध रखने की इच्छा होने से सरकार ऐसी घटनाओं को सहन नहीं करेगी’, ऐसा नेपाल की साम्यवादी सरकार ने कहा है ।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को झटका ।
भारत के जैसे पडोसी नेपाल में भी कोरोना का हाहाकार मचा है । प्रतिदिन सहस्रों संख्या में लोग कोरोना से पीडित हो रहे हैं, साथ ही सैकडों लोगो की मृत्यु हो रही है । यहां पर ऑक्सीजन की भी बडे पैमाने पर कमी होने लगी है । ऐसे समय नेपाल ने सहायता के लिए भारत से अपेक्षा व्यक्त की है । नेपाल को सिरम इन्सटीट्यूट की कोविडशील्ड वैक्सीन के १० लाख डोज मिले हैं; लेकिन सिरम के साथ नेपाल का २० लाख डोज का समझौता हुआ है । नेपाल को ऐसी आशा है कि, उसे जल्द ही भारत से वैक्सीन के और डोज मिलेंगे ।
नेपाल में कोरोना से बाधित व्यक्तियों की संख्या बढ रही है । विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि, ‘यदि समय रहते कोरोना के प्रकोप को नियंत्रण में नहीं लाया गया, तो नेपाल की स्थिति भारत से भी अधिक चिंताजनक हो जाएगी ।’ नेपाली सरकार ने अन्य देशों से सहायता की विनती की है ।