चीन के भरोसे पर भारत को आंखे दिखाने वाले नेपाल को उनके नागरिकों के प्राण बचाने के लिए अंतत: भारत के सामने हाथ फैलाने पड रहे हैं, यह उन्हें ध्यान में रखना चाहिए !
नई दिल्ली – भारत के जैसे पडोसी नेपाल में भी कोरोना का हाहाकार मचा है । प्रतिदिन सहस्रों संख्या में लोग कोरोना से पीडित हो रहे हैं, साथ ही सैकडों लोगो की मृत्यु हो रही है । यहां पर ऑक्सीजन की भी बडे पैमाने पर कमी होने लगी है । ऐसे समय नेपाल ने सहायता के लिए भारत से अपेक्षा व्यक्त की है । नेपाल को सिरम इन्सटीट्यूट की कोविडशील्ड वैक्सीन के १० लाख डोज मिले हैं; लेकिन सिरम के साथ नेपाल का २० लाख डोज का समझौता हुआ है । नेपाल को ऐसी आशा है कि, उसे जल्द ही भारत से वैक्सीन के और डोज मिलेंगे ।
नेपाल के प्रधामंत्री के.पी. शर्मा ओली के विदेश सलाहकार रंजन भट्टाचार्य ने एक भारतीय समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कहा कि, प्रधानमंत्री ओली की इच्छा है कि, भारत को उनको इस कठिन समय में ऑक्सीजन, आई.सी.यू. बेड और वेंटिलेटर का स्टॉक भेजना चाहिए ।
भट्टाचार्य ने ऐसा भी कहा कि, ओली के चीन के साथ अच्छे संबंध हैं । वर्तमान में चीन नेपाल को कोरोना से लडने के लिए दवाइयां और वैक्सीन दे रहा है; लेकिन कोरोना से बचाव के लिए लगने वाले तरल ऑक्सीजन चीन के पास नहीं है । नेपाल में ऑक्सीजन की कमी से वहां के नागरिकों की चिंता बढ गई है । ऑक्सीजन की मांग १० गुना बढने से हम इसके लिए भारत सरकार से चर्चा कर रहे हैं ।