झारखंड के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्याकांड के दोषियों को आजन्म कारावास का दंड
उत्तम आनंद सुबह टहलने निकले थे, तब आरोपियों ने उन्हें रिक्शे से टक्कर मार दी थी ।
उत्तम आनंद सुबह टहलने निकले थे, तब आरोपियों ने उन्हें रिक्शे से टक्कर मार दी थी ।
इससे यह ध्यान में आता है कि धर्मांध अब कानून, सरकार आदि किसी को भी महत्त्व नहीं देते ! ऐसों पर सरकार क्या कार्रवाई करेगी ?
सत्ताधारी पक्ष के गुंडागर्दी करने वाले नेता ! एक शिक्षक को विद्यालय में घुसकर और वह भी विद्यार्थियों के सामने मारने का साहस होता ही कैसे है ? क्या अब इस विषय में धर्मनिरपेक्षतावादी संगठन और पक्ष मुंह खोलेंगे ?
लव जिहाद के बार-बार होने वाले प्रकरणों के पीछे समाज की निचले स्तर तक गई नीतिमत्ता भी जवाबदार है । इस कारण लव जिहाद विरोधी कानून बनाने के साथ ही हिन्दुओं को धर्मशिक्षा और आचारों के पालन का पाठ पढाना आवश्यक !
जनमानस का विचार है कि ऐसे सामाजिक माध्यमों पर न्यायालय को प्रतिबंध लगाने चाहिए !
‘एक गांव में मुसलमान बहुसंख्य होने से क्या स्थिति होती है ?’, ये इससे ध्यान में आता है । जब संपूर्ण देश में मुसलमान बहुसंख्य होंगे, तो देश की स्थिति क्या होगी, इसकी कल्पना करना कठिन नहीं । ऐसी स्थिति आने के पूर्व हिन्दुओं हिन्दू राष्ट्र निर्माण करने के लिए संगठित हों !
धर्मांध किसी भी पद पर हो,फिर भी वें उनकी कट्टरपंथियता के कारण छोटे बच्चों को भी नहीं छोड़ते, यह उसीका एक उदाहरण !
इस प्रकार की उद्दंडता कर समाज में शांति भंग करनेवालों एवं धार्मिक भावना आहत करनेवालों को अब फांसी के दंड की आवश्यकता है !
यदि ऐसा है, तो पूरे देश में जहां अधिकांश छात्र हिन्दू हैं, गुरुवार को अवकाश घोषित करें ! रविवार का साप्ताहिक अवकाश भारत में ईसाई अंग्रेज़ों द्वारा लाई गई परंपरा है !
विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कहा कि ७५ प्रतिशत जनसंख्या का संदर्भ देते हुए मुसलमान समाज के लोग बहुत दिनों से विद्यालय के नियमों में परिवर्तन लाने के लिए दबाव डाल रहे थे ।