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मुंबई, १९ मई (न्यूज़) – काशी में ज्ञानवापी शिवलिंग हिंदुओं के आराध्य हैं। हम ज्ञान रूपी शिवलिंग को प्राप्त कर लेंगे। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि दी गई; इसलिए हम ज्ञानवापी शिवलिंग के लिए कोई समझौता नहीं करेंगे। न केवल ज्ञानवापी शिवलिंग, बल्कि जहां-जहां भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, हम उन सभी मंदिरों को दोबारा हासिल करेंगे। कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है। ज्ञानवापी शिवलिंग के लिए हिंदुओं की ओर से केस लड़ने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने सभी धर्मनिष्ठ हिंदुओं की भावना व्यक्त करते हुए कहा कि ज्ञानवापी शिवलिंग पाने के लिए हम १ इंच जमीन का भी समझौता नहीं करेंगे।
जाने-माने हिंदू लेखक विक्रम संपत की अंग्रेजी किताब ‘वेटिंग फॉर शिवा: अनअर्थिंग द टूथ ऑफ काशीज ज्ञानवापी’ का मराठी अनुवाद 18 मई को जारी किया गया। वह इसी समारोह में बोल रहे थे।दादर पूर्व के राजा शिवाजी विद्या संकुल में यह समारोह आयोजित किया गया था।
We will not compromise even an inch of land to get Shivling in #Gyanvapi ! – Supreme Court Advocate @Vishnu_Jain1‘s forthright statement!
Book launch of Marathi translation of ‘Waiting for Shiva: Unearthing the Truth of Kashi’s Gyanvapi’ by renowned Historian and Author… pic.twitter.com/EFt99KfyDK
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 19, 2024
इस अवसर पर व्यासपीठ पर पुस्तक के लेखक श्री. विक्रम संपत, पुस्तक के मराठी अनुवादक डाॅ. प्राची जामभेकर एवं कु. मैत्रेयी जोशी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक श्री. सुधीर जोगलेकर ने निभाई। इसमें डाॅ. प्राची जामभेकर ने श्री. विक्रम संपत और अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन से भेंट वार्ता की। वकील जैन ने कहा, “मैंने खुद ज्ञानवापी शिवलिंग देखा है। इस शिवलिंग को तोड़कर फव्वारे का रूप देने के लिए इसके ऊपर सीमेंट लगाया गया है, लेकिन शिवलिंग और उस पर किया गया सीमेंट का निर्माण अलग दिखता है। वैज्ञानिक परीक्षण से सच्चाई सामने आ जाएगी।” मामला सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित है। कुछ हिंदुओं का तर्क है कि ‘इस शिवलिंग की पूजा नहीं की जा सकती’, लेकिन काशी स्थान के ५ कोस के क्षेत्र में टूटे हुए शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति है। ज्ञानवापी शिवलिंग के प्रति हमारी धार्मिक भावना है। यह केस हमारे लिए भक्ति का मार्ग है। हम भगवान शिव के प्रति पवित्र भाव के कारण यह मुकदमा लड़ रहे हैं।”
Fan Moment @vikramsampath one who destroyed and is destroying the left liberal historian gangs like never before.
Thank you Sir for all your efforts to destroy the distorians.
@ booklaunch प्रतीक्षा शिवाची, काशी ज्ञानव्यापिच्या सत्याचा शोध
Orgnded by Bharat Manthan Foundation pic.twitter.com/rYwOKdyl70— 🇮🇳 योगेश कोकाटे🇮🇳 (मोदीजींचा परिवार) (@yogesh0607) May 18, 2024
काशी विश्वेश्वर के मंदिर को तोड़े जाने की झूठी कहानियाँ सिद्ध ! – जाने-माने लेखक विक्रम संपतकांग्रेस काल में काशी विश्वेश्वर मंदिर को तोड़े जाने की संदर्भहीन फर्जी कहानियाँ सिद्ध हुईं। एक झूठी कहानी फैलाई गई कि औरंगजेब ने राजपूत साम्राज्य के आग्रह पर मंदिर को ध्वस्त कर दिया क्योंकि काशी विश्वेश्वर मंदिर के पुजारियों ने राजपूत राजाओं की रानियों के साथ बलात्कार किया था। ऐसी झूठी कथा सिद्ध की गयी। एक झूठ को बार-बार बोलने से वह सच लगने लगता है।
यदि औरंगजेब ने राजपूतों के अनुरोध पर काशी विश्वेश्वर मंदिर को ध्वस्त किया, तो उसने किसके अनुरोध पर सोमनाथ, मथुरा के मंदिरों को ध्वस्त किया? अगर औरंगजेब कब्र से बाहर आकर कहे, ‘काशी विश्वेश्वर का मंदिर क्यों तोड़ा ?’, तो भी भ्रमित हिंदू इस पर विश्वास नहीं करेंगे। इस पुस्तक से काशी विश्वेश्वर और ज्ञानवापी शिवलिंग का सत्य इतिहास सबके सामने आएगा। |