इस माह के अंतिम सप्ताह में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का ८२ वां जन्मोत्सव मनाया जानेवाला है । इस निमित्त पिछले वर्ष के जन्मोत्सव के कुछ अविस्मरणीय क्षण हम इस विशेषांक में अनुभव करेंगे । पुरी की श्री जगन्नाथ रथयात्रा, तिरुपति बालाजी का ब्रह्मोत्सव; इनमें रथ पर विराजमान भगवान के दर्शन का बहुत आध्यात्मिक महत्त्व होता है । सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी तथा उनकी आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणियां श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी तथा श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी इस रथ में विराजमान थीं । पिछले वर्ष स्वर्णिम रंग का रथ सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के दिव्य ब्रह्मोत्सव समारोह के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा ! सनातन के साधकों ने सप्तर्षि की आज्ञा से तथा पू. कवटेकर गुरुजी के मार्गदर्शन में यह रथ तैयार किया । इस दिव्य रथ को बनाने की पृष्ठभूमि, रथ बनानेवाले साधकों का परिचय, रथ बनाने की प्रक्रिया का छायाचित्रमय अवलोकन, प्रत्यक्ष ब्रह्मोत्सव समारोह में रथ खींचते समय साधकों को प्राप्त अनुभूतियां आदि विषयों से रथ एवं ब्रह्मोत्सव की अलौकिकता का अनुभव हो सकेगा ।