मुंबई – सरकारी कागदपत्र एवं पहचानपत्रों में पिता के साथ माता का नाम लिखना अनिवार्य करने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिया गया है । इस निर्णय की प्रत्यक्ष कार्यवाही आरंभ हो चूकी है । १ मई २०२४ को एवं इस दिन से आगे जन्मे बालकों के सभी सरकारी कागदपत्रों पर एवं पहचानपत्रों पर पिता के साथ ही माता के नाम का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है । महाराष्ट्र में १ मई २०२४ एवं तदुपरांत जन्मे प्रत्येक व्यक्ति के नाम में व्यक्ति का नाम, माता का नाम, पिता का नाम एवं उपनाम इस प्रकार का क्रम होना अपेक्षित है ।
इस संदर्भ में सरकार के निर्णय के उपरांत, सामाजिक माध्यमों द्वारा १ मई के पूर्व सरकारी कागदपत्र एवं पहचानपत्रों के नामों पर यदि परिवर्तन करने हों, तो संदेश प्रसारित किया गया था । इस कारण नागरिक भ्रमित थे कि सभी कागदपत्रों के नामों में परिवर्तन कैसे करें ?; परंतु यह जानकारी सही नहीं है । अब दिनांक की स्पष्टता होने से कोई भ्रम नहीं रहेगा ।
महाराष्ट्र में १ मई २०२४ को एवं तदुपरांत जन्मे बालकों के लिए शैक्षिक कागदपत्र (उदा. जन्म प्रमाण, विद्यालय का प्रमाण, भिन्न भिन्न परीक्षाओं के निवेदन आदि), राजस्व के कागदपत्र (उदा. भूमि का सात बारह, संपत्ति के कागदपत्र आदि), वेतन स्लिप, सरकारी कर्मचारियों की सेवापुस्तक, सरकारी निवेदन, मृत्यु प्रमाण आदि पर आगे से माता का नाम लिखना अनिवार्य होगा । अनाथ अथवा असाधारण प्रसंगों में नियम में छूट दी जाएगी । विवाहित महिलाओं के नाम लिखते समय स्वयं का नाम, पति का नाम एवं तदनंतर उपनाम यह क्रम पूर्व की भांति ही रहेगा ।
इसके पिछे उद्देश्य है कि महिलाओं को समाज में आदर मिले एवं उनका सम्मान हो ।