नई देहली – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक हिन्दी वृत्तवाहिनी को दिए साक्षात्कार में चुनावी बांड व्यवस्था सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द करनेवाले प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘चुनावी बांड की व्यवस्था अच्छे से समझ लेनी चाहिए । अब बांड की व्यवस्था का कोई अस्तित्व नहीं है; परंतु चुनाव जारी ही है । व्यय भी बडी मात्रा में हो रहा है । यह सब किस प्रकार हो रहा है ? काले धन के अतिरिक्त दूसरा कोई विकल्प ही नहीं बचा है । अन्य कोई विकल्प देने से पूर्व ही चुनावी बांड का विकल्प बंद हो गया । कभी ना कभी सर्वोच्च न्यायालय को इस पर पुनर्विचार करना पडेगा ।’
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— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) April 30, 2024
१. ‘एक देश, एक चुनाव’, इस नीति पर पूछे गए प्रश्न पर अमित शाह ने कहा, ‘देश में ६० के दशक तक ‘एक देश, एक चुनाव’ नीति का अस्तित्व था ही । इंदिरा गांधी ने सामूहिक पद्धति से विपक्षी दलों की सरकारें गिरा दी । इस कारण चुनाव की समयसारणी (टाईमटेबल) परिवर्तित हो गई । अब कानून बनाकर ये चुनाव एकत्रित लेने की आवश्यकता है । ५ वर्षों में पार्टियां केवल एक ही बार जनता के सामने जाएगी, मतदाता एक ही बार मतदान करेगा एवं जो दल बहुमत प्राप्त करेगा, वही सरकार चलाएगा । इस में अडचन क्या है ?’
२. शाह ने आगे कहा, ‘जिनका कार्यकाल शेष है, वह कोई भी समाप्त नहीं कर सकता । नयी सरकार वर्ष २०२९ तक ही होगी, उसके उपरांत सभी चुनाव एकत्रित लिए जाएंगे एवं आगे ५ वर्षों के लिए सरकार स्थायी रूप से रहेगी । इस समयावधि में चयनित सरकार कोई गिरा नहीं सकता ।’