K K Muhammed : मुसलमानों को काशी तथा मथुरा के स्‍थान हिन्दुओं को सौंप देने चाहिए ! – वरिष्ठ पुरातत्‍ववेत्ता के.के. मोहम्‍मद

भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च टेम्‍पल, पुणे में व्‍याख्‍यान आयोजित

वरिष्ठ पुरातत्‍ववेत्ता के.के. मोहम्‍मद

पुणे (महाराष्ट्र) – एक आधुनिक समाज के रूप में हमें ऐतिहासिक तथ्‍यों को स्‍वीकार करना चाहिए । जिस प्रकार मक्‍का तथा मदीना मुसलमानों के लिए पवित्र हैं, उसी प्रकार काशी में ज्ञानवापी तथा मथुरा में श्रीकृष्‍ण का जन्‍मस्‍थान हिन्दुओं के लिए पवित्र है ।  मुसलमानों के अनुसार यहां केवल एक ही मस्‍जिद है । इसलिए उन्‍हें इसे स्‍वयं हिन्‍दुओं को सौंप देना चाहिए तथा राष्ट्रहित के लिए हिन्दुओं को भी यहां रहना चाहिए, ऐसा आवाहन वरिष्ठ पुरातत्‍वविद़् के.के. मोहम्‍मद ने किया । वह ‘भंडारकर प्राच्‍यविद्या अनुसंधान मंदिर’ में आयोजित व्‍याख्‍यान ’भारत : विरासत तथा संस्‍कृति’ विषय पर बोल रहे थे । भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग के उत्तर भारत के पूर्व संचालक के. मोहम्‍मद ने चंबल घाटी में बटेश्‍वर मंदिर श्रृंखला के पुनर्निर्माण तथा राम मंदिर के सर्वेक्षण के संदर्भ में जानकारी दी । इस कार्यक्रम में ‘फोर्स मोटर्स’ के अध्‍यक्ष डॉ. अभय फिरोदिया, डेक्‍कन कॉलेज के कुलगुरु डॉ. प्रमोद पांडे, ‘पुणे संवाद’ के समन्‍वयक मनोज पोचट आदि उपस्‍थित थे ।

के.के. मोहम्‍मद ने आगे कहा,

१. काशी तथा मथुरा का जन्‍मस्‍थान न तो पैगम्‍बर मुहम्‍मद से संबंधित है, न ही किसी औलिया से; लेकिन हिन्दुओं के लिए यह देवताओं का जन्‍मस्‍थान है । मध्‍यकाल में जो ३ से ४ हजार मंदिर तोड़े गए थे, उन्‍हें हिंदू समाज ने मांगा ही नहीं । अगर वे ऐसा करेंगे तो देश में हाहाकार मच जाएगा । देश के हित में, हिन्दुओं को यहीं रुकना चाहिए (काशी तथा मथुरा को पुनः प्राप्‍त करने के लिए)।

२. मध्‍यकाल में मंदिरों पर आक्रमण और विनाश के लिए आज के मुसलमान उत्तरदायी नहीं हैं; लेकिन जो लोग इस आक्रमण का किसी भी प्रकार से समर्थन करते हैं वे निश्‍चित रूप से दोषी हैं । मेरे पूर्वजों ने भारत में हजारों मंदिरों को नष्ट कर दिया था ।’ उनके आत्‍मक्‍लेष के कारण मैंने प्राचीन मन्‍द़िरों के पुनर्निर्माण का कार्य किया ।