EXCLUSIVE : महाराष्ट्र में केवल १० दलों को मिलेगा आरक्षित चिन्ह : ३७६ दलों को अलग-अलग चिन्हों पर लडना होगा चुनाव !

शरद पवार के दल को ‘क्षेत्रीय दल ‘ की भी मान्यता नहीं मिली ! 

श्री प्रीतम नाचणकर, मुंबई

मुंबई, २१ मार्च (समाचार) – महाराष्ट्र में, राष्ट्रीय तथा राज्य मान्यता प्राप्त केवल १० दलों को लोकसभा चुनाव में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षित चिन्ह मिल सकते हैं । इसके अतिरिक्त ३७६ अ-मान्यता प्राप्त; किन्तु यदि पंजीकृत राजनीतिक दल चुनाव लडना चाहते हैं, तो उन्हें खुले मुक्त चिन्हों पर चुनाव लडना होगा, अर्थात उनके प्रत्याशियों को अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में अलग-अलग पक्ष चिन्हों का उपयोग करके चुनाव लडना होगा । सांसद शरद पवार के दल ‘राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार’ को ‘क्षेत्रीय दल’ की भी मान्यता नहीं मिली !

ये हैं महाराष्ट्र के १० मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल ! 

महाराष्ट्र में आप की ‘झाडू’, बहुजन समाजवादी पक्ष का ‘हाथी’, भाजपा का ‘कमल’, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का ‘हंसिया’, कांग्रेस का ‘पंजा’, एनसीपी की ‘घडी’, शिवसेना का ‘धनुषबाण’ (शिंदे गुट), उद्धव बालासाहेब ठाकरे पक्ष की ‘मशाल’, मनसे का ‘इंजन’ तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी की ‘पुस्तक’ महाराष्ट्र में मान्यता प्राप्त पार्टियां तथा उनके आधिकारिक चिन्ह हैं । ये सभी राजनीतिक दल चूंकि राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर के हैं, इसलिए इन दलों के उम्मीदवारों को उनका अधिकारिक पार्टी चिन्ह उसी निर्वाचन क्षेत्र से प्राप्त होगा जहां से वे चुनाव लडेंगे ।

‘राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार’ के दल की ´क्षेत्रीय दल´ की मान्यता निरस्त !

शरद पवार

महाराष्ट्र के चार बार मुख्यमंत्री पद पर रह चुके तथा महाराष्ट्र के सबसे वयोवृद्ध नेता शरद पवार का ‘राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार’ दल भी ‘मान्यता प्राप्त दल’ की मान्यता से वंचित हो चुका है । राष्ट्रवादी कांग्रेस पक्ष पहले ही अपनी राष्ट्रीय पहचान खो चुका था ।

अजित पवार के शरद पवार से अलग होने के उपरांत चुनाव आयोग ने निर्णय दिया कि अजित पवार का दल ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस’ है । इसका परिणाम शरद पवार पर पडा है तथा उनका ‘राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार’ दल अब ‘क्षेत्रीय’ दल भी नहीं रहा ।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से शरद चंद्र पवार गुट को सांत्वना !

राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार के दल को चुनाव आयोग ने ‘तुतारी’ चुनाव चिह्न दिया है ।शरद पवार के गुट ने ‘राष्ट्रवादी दल’ नाम तथा चुनाव चिह्न ‘घडी’ पाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है। यह अभी निश्चित नहीं हुआ है, इसलिए सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि ‘तुतारी’ चुनाव चिह्न राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार के दल को ही दिया जाए, किसी अन्य दल को नहीं ।इसलिए, भले ही आगामी लोकसभा चुनाव में इसे ‘राज्यमान्य दल’ के रूप में मान्यता न मिले, किन्तु शरद चंद्र पवार के पक्ष के उम्मीदवार ‘तुतारी’ के चुनाव चिन्ह पर महाराष्ट्र के सभी निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड सकेंगे ।

…तो चुनाव चिन्ह के लिए करना होगा आवेदन ! – चुनाव अधिकारी

उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी शरद दलवी ने बताया कि जो दल मान्यता प्राप्त दल नहीं है, बल्कि पंजीकृत प्रत्याशी है, उस दल के प्रत्याशियों को यदि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही चुनाव चिन्ह चाहिए तो उन्हें चुनाव आयोग में आवेदन करना होगा ।

मान्यता प्राप्त दल के लिए निकष !

राष्ट्रीय पहचान !

अ. गत लोकसभा अथवा विधानसभा चुनावों में, कम से कम ४ राज्यों में उन राज्य में पडे कुल मतों का कम से कम ६ प्रतिशत मत प्राप्त करना होगा । इसके साथ ही ४ लोकसभा स्थान भी जीतने  चाहिए ।

आ. लोकसभा के कम से कम २ प्रतिशत स्थान कम से कम ३ अलग-अलग राज्यों से जीतने चाहिए ।

क्षेत्रीय (राज्य स्तरीय) मान्यता !

अ. विधानसभा चुनाव में कम से कम ६ प्रतिशत मत एवं कम से कम २ सीटें जीतनी चाहिए ।

आ. गत विधानसभा चुनाव में कुल स्थानों के कम से कम ३ प्रतिशत स्थान जीतने चाहिए ।