गैरकानूनी यात्री ऐप्स बंद करने की परिवहन विभाग द्वारा चेतावनी !

  • ‘सुराज्य अभियान’ की सफलता !

  • करोडो यात्रियों को लूटनेवाले यात्री ऐप्स पर आर्थिक दंड के साथ आपराधिक अभियोजन प्रविष्ट करने की ‘सुराज्य अभियान’ की मांग

मुंबई – यात्री यातायात का व्यवसाय करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अनुमति लिए बिना गैरकानूनी एग्रीगेटर का व्यवसाय (एग्रीगेटर ऐप अर्थात विविध ऑनलाईन स्रोतों से सामग्री एकत्रित करनेवाला और उसे एक ही स्थान पर प्रदर्शित करने वाला वेब एप्लिकेशन) करनेवाले ‘मेक माय ट्रीप’, ‘रेड बस’, ‘गोआयबिबो’, ‘सवारी’, ‘इन ड्राईव’, ‘रॅपिडो’, ‘क्वीक राईड’ जैसे कुल १८ निजी यात्री ऐप्स बंद करने की सूचना पुणे (महाराष्ट्र) के प्रादेशिक परिवहन अधिकारियों ने ६ मार्च २०२४ को महाराष्ट्र सरकार के पास की है ।

इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ की ओर से पीछले ४ वर्षाें से बार-बार यात्रियों को लूटनेवाले इन यात्री ऐप्स तथा ट्रेवेल्स प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही करने हेतु आंदोलन एवं परिवाद किए गए । तदुपरांत केवल ऐप्स बंद करने की सूचना की गई । करोडो यात्रियों की लूट करनेवाले गैरकानूनी एग्रीगेटर ऐप्स पर की यह कार्यवाही पर्याप्त नहीं है । इन प्रतिष्ठानों ने की प्रचंड लूट का विशेष लेखा परीक्षण करें तथा उन्हें भारी धनराशि से दंडित कर उन पर आपराधिक परिवाद प्रविष्ट करें, ऐसी भी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ के समन्वयक श्री. अभिषेक मुरुकटे ने केंद्र और राज्य सरकार के पास की है ।

सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से गहरी पूछताछ की जाए !

श्री. अभिषेक मुरुकटे

‘मोटर वाहन कानून १९८८’ की धारा ९३(१) के प्रावधान के अनुसार ऐप और जालस्थलों के माध्यम से यात्रियों की यातायात का व्यवसाय करने हेतु केंद्र शासन के मार्गदर्शक सिद्धातों के अधीन रहकर सक्षम प्राधिकरण द्वारा अनुज्ञप्ति लेना आवश्यक है; परंतु ऐसा किए बिना ही कई वर्षाें से यह गैरकानूनी व्यवसाय चल रहा है । पुणे जिले के प्रादेशिक परिवहन अधिकारियों ने राज्य परिवहन आयुक्त और राज्य के सायबर सेल के विशेष पुलिस महानिरीक्षक को पत्र लिखकर ये १८ ऐप बंद करने की सूचना की है । मूलतः इन ‘एग्रीगेटर ऐप्स’ ने केवल महाराष्ट्र ही नहीं; अपितु पूरे देश में यात्रियों के साथ धोखा किया है । इसलिए उनपर पूरे देश में कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता है । साथही आज तक गैरकानूनी रूप से कितने रुपए इकठ्ठा किए ? इसमें अन्य कौन सहभागी हैं ? क्या यह ‘महादेव बेटिंग ऐप’ की भांति बडा घोटाला है ? इन सभी मामलों की सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गहरी पूछताछ की जानी चाहिए’, ऐसी मांग भी श्री. मुरुकटे ने की है ।

टैक्सी एग्रीगेटर ऐप पर कार्यवाही हुई; परंतु अब ‘ऑनलाइन’ बस टिकट बुकींग ऐप्स पर कार्यवाही कब होगी ?

यह कार्यवाही केवल टैक्सी एग्रीगेटर ऐप पर हुई है । इसी प्रकार से महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (प्रधिकरण) को ‘रेडबस’ ऐप के साथ अन्य दो ऑनलाईन ऐप्स ने धोखा देने की बात सामने आने से महामंडल ने उनके साथ किया काँट्रैक्ट निरस्त किया है । वर्ष २०१८ में मुंबई उच्च न्यायालय के आदेशानुसार महाराष्ट्र में सरकारी परिवहन सेवा के केवल डेढ गुना किराया लेने की अनुमति होते हुए भी ऑनलाईन टिकट बुकिंग ऐप्स ने और निजी ट्रेवेल्स प्रतिष्ठानों ने नियमों की उपेक्षा कर अधिक किराया लेकर ५ वर्षाें तक यात्रियों को लूटा है । अतः ऑनलाइन बस टिकट आरक्षित कर देनेवाले इन प्रतिष्ठानों पर कार्यवाही कब होगी ? यात्रियों की होनेवाली आर्थिक लूट रोकने के लिए सुराज्य अभियान के अंतर्गत प्रादेशिक और उपप्रादेशिक १६ परिवहन अधिकारियों से भेंट कर परिवाद भी किए गए हैं । परिवहन आयुक्तों को प्रमाण भी प्रस्तुत किए गए । प्रतिवर्ष त्योहार-उत्सवों के समय तथा गर्मियों की छुट्टियों में गैरकानूनी रूप से बढाए जानेवाले किराए को रोकने के लिए परिवाद एवं आंदोलनों के माध्यम से निरंतर आवाज उठाई गई । श्री. मुरुकटे ने कहा कि गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ प्रधानमंत्री, केंद्रीय पर्यटन मंत्री, केंद्रीय परिवहन मंत्री के पास फिर से एक बार कार्यवाही की मांग की गई है ।