काशी विश्वनाथ मंदिर की २ कि.मी. परिधि में मांस और मदिरा के दुकान जैसे थे ‍वैसे ही है !

महापालिका की कार्यवाही का कोई लाभ नहीं !

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – काशी विश्वनाथ मंदिर की २ किलोमीटर परिधि में मांस और मदिरा बेचने पर प्रतिबंध लगाने का अभियान महापालिका ने आरंभ किया था; परंतु ऐसा समझ में आया है कि यह अभियान कागज पर ही है । ध्यान में आया है कि महापालिका क्षेत्र में आनेवाले बेनियाबाग, नैसडक और दालमंडी में लगभग १०० से भी अधिक मांस बेचनेवाले दुकानों ने हरे रंग का परदा लगाकर मांस बेचना जारी रखा है ।

१. महापालिका सभागृह में प्रस्ताव पारित होकर ४५ दिन बीत जाने पर भी न्यू रोड, दालमंडी, बेनियाबाग, रेवाडी तालाब, मदनपुरा, तिलभांडेश्वर, अशफाक नगर, सोनिया आदि क्षेत्रों में पहले की भांति खुले रुप से मांस और मदिरा बेचना जारी है ।

२. प्रस्ताव पारित होने पर महापालिका प्रशासन ने २ दिनों में बेनियाबाग, हाडा सराई, न्यू रोड, दालमंडी के दुकान बंद किए; परंतु ३ मार्च को इस कार्यवाही का कोई प्रभाव नहीं दिखाई दिया । यहां पर दोपहर १ बजे न्यू रोड के लवकुश होटल के पास के मांस के दुकान खुल गए । दुकान के सामने कपडे का परदा लगाया गया था । दुकान के बाहर खडे दुकानदार आनेवाले प्रत्येक को देख रहे थे । इस समय दुकान के पास कुछ लोग खडे थे । उन्हें मांस दिया जा रहा था । दोपहर डेढ बजे रेवडी तालाब के मार्गाें पर लोग मांस की दुकान में मांस खरीदते हुए दिखाई दिए । यहां पर वाहन खडे हो जाने से चक्का जाम हुआ था ।

३. महापालिका अधिकारियों ने बताया कि मद्यालयों की अनुज्ञप्तियां उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा दी जाती हैं । ये दुकान बंद करने का प्रस्ताव महापालिका ने शासन के पास भेजा है । यह प्रस्ताव पारित हो जाने पर मांस बेचने के साथही मंदिर की २ कि.मी. परिधि में मद्य बेचने पर भी प्रतिबंध लगेगा ।

सभागृह द्वारा प्रस्ताव पारित हो जाने पर मांस बेचनेवाले दुकान बंद किए गए हैं । फिर से खोलनेवालों पर कार्यवाही की जाएगी । मद्यालय बंद करने का अधिकार उत्पाद शुल्क विभाग का है । – डॉ. अजय प्रताप सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी, महापालिका

मंदिर की २ कि.मी. परिधि के दुकानों की संख्या

मांस-पोल्ट्री दुकान : १०५
मद्यालय : ३७
मांस बेचनेवाले होटल्स और रेस्टॉरंट्स : ४५

संपादकीय भूमिका 

क्या महापालिका ने केवल दिखाने के लिए कार्यवाही की है ? समस्या मूल से दूर करने की अपेक्षा उपरी दिखावटी कार्यवाही करनेवाले प्रशासन को जनता वैध मार्ग से पूछेगी, तो ही ठीक होगा !