लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – यहां की गोमती नदी के बाएं किनारे पर ‘टीलेवाली मस्जिद’ है । हिन्दुओं ने इसे ‘लक्ष्मण टीला’ कहते हुए न्यायालय में याचिका प्रविष्ट (दाखिल) की है । इस संदर्भ में हुई सुनवाई के समय न्यायालय ने मुसलमानों की पुनर्विचार याचिका को अस्वीकार कर हिन्दुओं का कहना स्वीकार किया है । अब इस मामले पर कनिष्ठ न्यायालय में सुनवाई होनेवाली है । यह मामला वर्ष २०१३ से न्यायालय में प्रलंबित है ।
*Court to now hear the plea of the Hindu side regarding the Teele Wali #masjid in Lakshmanpuri (Uttar Pradesh) !*
It is a historical fact that Hindu religious structures were destroyed and replaced by Mosques. Hence the central Government must take the necessary steps to avoid… pic.twitter.com/OviiTEgffR
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) March 1, 2024
१. हिन्दुओं का पक्ष प्रस्तुत करनेवाले अधिवक्ता नपेंद्र पांडे ने कहा कि मुसलमान पक्ष जिसे ‘टीलेवाली मस्जिद’ बताता है, वह ‘लक्ष्मण की पहाडी (टीला)’ है । लक्ष्मणपुरी (लखनऊ) नगर प्रभु श्री राम के बंधु लक्ष्मण ने बसाया था । गोमती नदी के किनारे एक पहाडी थी । इसे ‘लक्ष्मण का टीला’ कहा जाता है । औरंगजेब का काल में इसे ध्वस्त किया गया और इसपर मस्जिद बनाई गई । यहां पर हमारी पूजा पहले से ही चल रही थी । वर्ष २००१ में यहां दंगा हुआ और हमारा टीलेश्वर महादेव मंदिर ध्वस्त किया गया । शेषनागेश पाताल कुंआ तोडा गया । हमें पूजा करने से क्यों रोका जा रहा है ? जब हम वहां पूजा करने गए, तब मुसलमानों ने असभ्य वर्तन किया । इस विषय में मुसलमानों ने न्यायालय में कहा कि इस मामले पर विचार करना उचित नहीं है; क्योंकि इसका कारण स्पष्ट नहीं है । इसपर न्यायालय ने मुसलमानों का कहना अस्वीकार करते हुए हिन्दुओं का पक्ष सुनवाई के लिए उचित है, ऐसा निर्णय दिया ।
२. टीलेवाली मस्जिद के मौलाना फजलुल मन्नान ने कहा कि यह मस्जिद विश्वविख्यात है । ‘हिन्दुओं के सभी धार्मिक स्थलों पर मस्जिदें बनाई गई हैं’, ऐसा कहना पूर्णतः गलत है । आपस में लडाई करवानेवाला है । मैं ये बातें अस्वीकार करता हूं । यदि लक्ष्मण का टीला गिराकर मस्जिद बनाई जा रही थी, तब आप लोग कहां थे ?, ऐसा प्रश्न उन्होंने हिन्दुओं से पूछा ।
(सौजन्य : Zee Uttar Pradesh UttaraKhand)
३. यह मामला वर्ष २०१३ से न्यायालय में सुनाया जा रहा है । पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैन ने लक्ष्मणपुरी न्यायालय में इस विषय में पहली याचिका प्रविष्ट (दाखिल) की थी । यह पूरा परिसर शिव मंदिर का होने से यहां की मस्जिद हटाकर इस परिसर को हिन्दुओं को सौंप देने की मांग की गई थी । इसके उपरांत वर्ष २०१८ में मस्जिद के परिसर में लक्ष्मण की मूर्ति स्थापित करने के सूत्र को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था । राज्य में भाजपा की सरकार आने पर भाजपा के नगरसेवक रजनीश गुप्ता और रामकृष्ण यादव ने लखनऊ महापालिका को मस्जिद के पास लक्ष्मण का १५१ फूट उंचा पुतला खडा करने का प्रस्ताव दिया था; परंतु मुसलमानों के विरोध के उपरांत मामला शांत हुआ ।
संपादकीय भूमिकाहिन्दुओं के धार्मिक स्थलों को ध्वस्त कर वहां मस्जिदें बनाई गई, यह इतिहास है । प्रत्येक स्थल के लिए ऐसी मांग हिन्दुओं को करनी न पडे, इसलिए अब केंद्र सरकार को ही कदम उठाना आवश्यक ! |