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छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र) – पूरे हिन्दू समाज की ओर से २१ फरवरी को चोपडा (जलगांव) में आयोजित होने वाली हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा को पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी। ‘तेलंगाना के भाजपा विधायक श्री. टी. राजा सिंह प्रक्षोभक और भडकाऊ भाषण करते है ।’ इस आधार पर पुलिस ने अनुमति अस्वीकार की थी । पूरे हिन्दू समाज ने इस सभा की अनुमति लेने के लिए २५ जनवरी अर्थात सभा से २५ दिन पहले पुलिस को निवेदन दिया था; परंतु पुलिस ने बैठक से २ दिन पहले ३ सार्वजनिक छुट्टियों को देखते हुए अनुमति देना अस्वीकार किया । सकल हिंदू समाज की ओर से सर्वश्री अनिल वानखेडे और राजाराम पाटिल ने मुंबई उच्च न्यायालय की संभाजीनगर खंडपीठ में फौजदारी ‘रिट याचिका’ प्रविष्ट की।
२० फरवरी को उच्च न्यायालय ने त्वरित सुनवाई कर हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा के आयोजन की अनुमति दी है । इस संबंध में कोर्ट ने चोपडा पुलिस को लिखित आदेश भी दिया है । इस याचिका पर समिति की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कुलकर्णी और अधिवक्ता भडगांवकर ने युक्तिवाद किया ।
न्यायमूर्ति मंगेश पाटिल और शैलेश ब्रह्मे की खंडपीठ ने अधिवक्ताओं के युक्तिवाद पर विचार करते हुए २१ फरवरी को सभा की अनुमति अस्वीकार करने वाले आदेश को रद्द कर दिया और पुलिस अधिकारियों को ‘बैठक की अनुमति’ दें, ऐसा लिखित आदेश दिया।
Bombay High Court’s green signal for Hindu Rashtra-Jagruti Sabha today in Chopda (Jalgaon)
➡️ Permission granted by the Sambhajinagar bench of Bombay High Court
➡️ Police had initially denied permission@HinduJagrutiOrg @TigerRajaSingh pic.twitter.com/L21gK1FTqc
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 20, 2024
अनिल वानखेड़े ने बताया कि न्यायालय ने यह भी कहा कि ‘पुलिस अधिकारी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ शर्तें लगा सकते हैं।’