Maldives China Support : मालदीव में भारतीय पर्यटक घटे, परंतु चीनी पर्यटक बढे  !

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू

माले (मालदीव) – भारत तथा मालदीव के मध्‍य विवाद की पृष्‍ठभूमि पर भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्‍या में भारी गिरावट आई है, जबकि दूसरी ओर, चीन के पर्यटकों की संख्‍या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है ।

१. मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा घोषित पर्यटन आंकड़ों के अनुसार, ४ फरवरी तक सबसे अधिक २३ हजार ९७२ पर्यटक चीन से आए । इस वर्ष केवल १६ हजार ५३६ भारतीयों ने मालदीव की यात्रा की है । फरवरी तक यहां आए कुल पर्यटकों में भारत से ७.७ प्रतिशत पर्यटक आए, जबकि चीन से ११.२ प्रतिशत पर्यटक आए।

२. पिछले महीने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू ने चीन का दौरा किया था. वहां उन्‍होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अनुरोध किया कि वे अपने देश के नागरिकों से पर्यटन के लिए मालदीव जाने की अपील करें । ऐसा भी कहा जा रहा है कि इससे चीनी पर्यटकों की संख्‍या में भी बढ़ोतरी हुई है।

१० मई तक पीछे हटेंगे भारतीय सैनिक ! – राष्ट्रपति मुइज्‍जू का दावा

५ फरवरी को मालदीव के राष्ट्रपति ने संसद में अपने पहले भाषण में कहा कि भारत के साथ बातचीत में यह निश्‍चित हुआ है कि भारत के सभी ८० सैनिक १० मई तक भारत लौट जाएंगे । मालदीव में ३ विमानन प्‍लेटफार्म (विमान उपकरण तथा सामग्री की व्‍यवस्‍था) है । इनमें से एक पर सेवारत सैनिक १० मार्च तक भारत लौट जाएंगे । इसके उपरांत २ और प्‍लेटफॉर्म पर सक्रिय भारतीय सैनिक, १० मई तक अपने देश चले जाएंगे ।

मुइज्‍जू ने आगे कहा कि मालदीव भारत के साथ जल अन्‍वेषण समझौते का नवीनीकरण भी नहीं करेगा । हम किसी भी देश को अपनी संप्रभुता में हस्‍तक्षेप नहीं होने देंगे ।

संपादकीय भूमिका 

जब मालदीव आत्‍महत्‍या की दिशा में बढ रहा है तो भारत के लिए भी उसका बड़ा संकट है । इसलिए भारत को समय रहते इस स्‍थिति पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि मालदीव को चीनी नियंत्रण में जाने से रोका जा सके।