३ शंकराचार्यों द्वारा श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम का समर्थन !

  • केवल ज्‍योतिषपीठ के शंकराचार्य अविमुक्‍तेश्‍वरानंद स्‍वरस्‍वती का विरोध !

  • श्री रामलला के दर्शन हेतु आनेवाले समय में जाऐंगे ऐसा सभी शंकराचार्यों ने स्‍पष्ट किया !


नई देहली – अयोध्‍या में २२ जनवरी को श्रीराममंदिर के उद्घाटन एवं श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा की जाएगी । इस कार्यक्रम का देश के ४ शंकराचार्यों ने विरोध किया था, ऐसे समाचार पिछले कुछ दिनों से प्रसारमाध्‍यमों द्वारा प्रसारित हो रहे हैं; परंतु  प्रत्‍यक्ष में ३ शंकराचार्यों ने इस कार्यक्रम का समर्थन किया है, केवल ज्‍योतिष पीठ के शंकराचार्य ने इसका धर्मशास्त्र के आधार पर विरोध किया है । इन चारों प्रमुख पीठों के शंकराचार्य कार्यक्रम के लिए उपस्‍थित नहीं रहेंगें; परंतु उन्‍होंने स्‍पष्ट किया है कि, ‘हम आनेवाले समय में भगवान रामलला के दर्शन हेतु अवश्‍य जाएंगे ।’

१. शृंगेरी पीठ, पुरी पीठ एवं द्वारका पीठ इन पीठों के शंकराचार्यों ने कार्यक्रम का समर्थन किया है । शृंगेरी पीठ के एवं द्वारका पीठ के शंकराचार्यों ने इस कार्यक्रम के समर्थन में निवेदन प्रसारित किया है, तो पुरी पीठ के शंकराचार्य द्वारा भी तदुपरांत इस कार्यक्रम को समर्थन देने का समाचार है ।

२. द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्‍वामी सदानंद सरस्‍वती के पीठ द्वारा प्रसारित किए निवेदन में कहा है कि भगवान श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा अयोध्‍या के मंदिर के गर्भगृह में हो रही है । यह घटना सनातन धर्म के सभी अनुयायीओं के लिए अत्‍यानंद की है । हमारा इस कार्यक्रम को पूर्ण समर्थन है । ५०० वर्षों के उपरांत विवाद मिट गया है । प्राणप्रतिष्ठा का सर्व कार्यक्रम वेदशास्त्रों के अनुसार एवं धर्मशास्त्रों की मर्यादाओं का पालन करते हुए विधिविधान पूर्वक किया जाना चाहिए । कुछ समाचारपत्रों ने शंकराचार्यों द्वारा दिए गए वक्‍तव्‍य के लिए जो समाचार प्रकाशित किए हैं, वे छेडछाड है एवं ऐसे समाचारों को शंकराचार्यों ने अनुमति नहीं दी है ।

३. शृंगेरी पीठ के शंकराचार्य स्‍वामी भारती तीर्थ ने एक निवेदन द्वारा स्‍पष्ट किया है कि प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम के संदर्भ में हमने मूलतः कोई वक्‍तव्‍य नहीं दिया है । सनातन धर्म के शत्रुओं ने हमारे मुख से कुछ वक्‍तव्‍य दिखाकर गडबडी निर्माण करने का प्रयास किया है ।