७ लोगों में से ५ लोग मृतक
धाराशिव (महाराष्ट्र) – श्री तुळजाभवानीदेवी के प्राचीन मूल्यवान आभूषण चोरी हो जाने के प्रकरण में अंततः ७ लोगों पर अपराध पंजीकृत किया गया । महंत हमरोजीबुवा गुरु चिलोजी बुवा, महंत चिलोजी बुवा गुरु हमरोजी बुवा, महंत वाकोजीबुवा गुरु तुकोजी बुवा एवं महंत बजाजी बुवा गुरु वाकोजी बुवा इन ४ महंतोंसहित मृतक सहायक धार्मिक व्यवस्थापक अंबादास भोसले, सेवेदार पलंगे, साथ ही मंदिर के अज्ञात अधिकारियों एवं कर्मचारियों इन ७ लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीकृत किया गया है । विशेष बात यह कि अपराध जिन ७ लोगों पर अपराध पंजीकृत किए गए हैं, उनमें से ५ लोग मृतक हैं । उसके कारण ‘अब प्रशासन की ओर से मृतक लोगों पर अपराध पंजीकृत कर क्या साध्य होनेवाला है ?’, यह प्रश्न उठाया जा रहा है ।
१. जिलाधिकारी तथा मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ. सचिन ओंबासे द्वारा दिए गए आदेश के एक सप्ताह उपरांत तुळजापुर पुलिस ने यह अपराध पंजीकृत किया है । इस गंभीर प्रकरण के अन्वेषण हेतु उपअधीक्षक श्रेणी के अधिकारी की स्वतंत्र जांच समिति गठित की जाएगी ।
२. राष्ट्रीय समाज दल के विधायक महादेव जानकर ने विधानपरिषद में इस प्रकरण में अपराध पंजीकृत करने में टालमटोल किए जाने की ओर ध्यान आकर्षित किया था, साथ ही उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने ‘शिकायत देकर भी अपराध पंजीकृत क्यों नहीं हो रहा ?’, ऐसा पूछकर अधिवेशन समाप्त होने से पूर्व अपराध पंजीकृत करने के विषय में राज्य सरकार को सूचित किया था ।
३. श्री तुळजाभवानीदेवी के कोष में अनेक मूल्यवान आभूषण हैं । विभिन्न राजा-महाराजों, संस्थानिकों, मुघल बादशाहों, निजाम, पोर्तुगीजों, डच आदि ने देवी को बडे भक्तिभाव से आभूषण अर्पित किए हैं । श्रद्धालुओं ने विगत १४ वर्षाें में देवी के चरणों में श्रद्धापूर्वक २०७ किलो सोना, जबकि २ सहस्र ५०० किलो चांदी अर्पित की है । मंदिरों के महंतों, मंदिर समिति के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा कुछ सेवादारों ने लूट की है, ऐसा जिलाधिकारी को प्रस्तुत किए गए ब्योरे से सामने आया है ।
४. तदुपरांत जिलाधिकारी डॉ. सचिन ओंबासे ने मंदिर में स्थित सोने-चांदी के आभूषणों की पडताल करने हेतु उमरगा येथील उपमंडल अधिकारी गणेश पवार की अध्यक्षता में १६ लोगों की समिति का गठन किया था । इस समिति ने जुलाई के महिने में विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया है । उसके अनुसार महंतों के पास के आभूषणों, सेवादारों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अधिकार कक्ष में स्थित मूल्यवान प्राचीन आभूषणों की सीसीटीवी की निगरानी में पडताल की गई थी ।
५. इस पडताल में अनेक प्राचीन, दुर्लभ एवं मूल्यवान आभूषणों के खो जाने की बात सामने आई है, जबकि कुछ आभूषण नए सिरे से उस स्थान पर रखकर सैकडों वर्ष पुराने आभूषणों को गायब करा दिया गया है, यह भी बात सामने आई है । इस ब्योरे के अनुसार ८ दिन पूर्व जिलाधिकारी डॉ. ओंबासे ने तुळजापुर पुलिस को संबंधित दोषियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही करने के आदेश दिए थे ।
संपादकीय भूमिकाअब मृतकों पर अपराध पंजीकृत कर क्या होगा ? प्रशासन ने इस संपूर्ण कार्यवाही में विलंब किया । यह है मंदिर सरकारीकरण का दुष्परिणाम ! |