संभल (उत्तर प्रदेश) – राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत का समावेश करने के स्थान पर कुरान का समावेश हो, यह मांग यहां के समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफिकुर्रहमान बर्क ने की है । उनके अनुसार कुछ दिन पहले एनसीईआरटी की समिति ने विद्यालयीन पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत का समावेश करने की शिफारिश की है । किंतु, एनसीईआरटी ने स्पष्ट कहा है कि ऐसी कोई समिति ही नहीं बनी है, जिसने पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत का समावेश करने की शिफारिश की है ।
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सांसद बर्क ने कहा, कुरान से बड़ा कोई ग्रंथ नहीं है । एनसीईआरटी की समिति देशभक्ति के नाम पर रामायण और महाभारत पढ़ाने की सिफारिश कर रही है । विश्व में किसी भी शिक्षा में देशभक्ति की कमी नहीं है । सभी धर्मों की शिक्षा में देशभक्ति होती है । (ऐसा है, तो बर्क बताएं कि ‘मुसलमान वन्दे मातरम क्यों नहीं कहते ?’ – संपादक)
संपादकीय भूमिकामुसलमानों को मदरसों में कुरान पढ़ाया जाता है, तो अन्य विद्यालयों में कुरान पढ़ाना आवश्यक क्यों लग रहा है ? |