६ साल उपरांत भी अनाधिकृत निर्माण पर कार्रवाई नहीं करने वालों की आर्थिक जांच होनी चाहिए ! 

  • नासिक में अनाधिकृत पूजा स्थल के निर्माण का प्रकरण

  • पूरे हिन्दू समाज ने की मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री से मांग

नासिक नगर पालिका

नासिक (महाराष्ट्र) – यहां एकता नगर के पंचक शिवारा में एक आवासीय भूखंड पर अवैध रूप से पूजा स्थल का निर्माण चल रहा था । वर्ष २०१८ में क्षेत्र के निवासियों ने इसका विरोध किया तथा २००० नागरिकों के साथ एक हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें मांग की गई कि निर्माण को नगर पालिका द्वारा पूरा होने से पूर्व ही ध्वस्त कर दिया जाए क्योंकि यह अनधिकृत था । नागरिकों ने वह पत्रक नासिक के कमिशनर को दिया; यद्यपि, इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है । अनेक हिन्दू मंदिरों को अनधिकृत घोषित कर उन पर अतिक्रमण का आरोप लगाकर बुलडोजर चला दिया जाता है । तो ऐसे में नगर निगम का अतिक्रमण विभाग दूसरे धर्मों के अतिक्रमण स्थलों पर कार्रवाई करने का साहस क्यों नहीं करता ? पूरे हिन्दू समाज की ओर से मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री से मांग की गई है कि उनकी आर्थिक जांच करके उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए ।

नासिक हिन्दू समाज मांग करेगा कि इस सूत्र को आगामी सत्र में उठाया जाए तथा डिप्टी कमिश्नर नितिन नेर के विरुद्ध वित्तीय जांच की जाए । समझा जाता है कि पूरे हिन्दू समुदाय के प्रतिनिधि भी मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री से मिलेंगे ।

१. वर्ष २०१८ में उन्होंने नगर निगम आयुक्त को पत्र देकर इस प्रकरण की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था । यद्यपि, नागरिकों ने यह मांग जारी रखी क्योंकि वे नगर पालिका की लापरवाह कार्यप्रणाली से भली-भांति अवगत थे । हिन्दुओं ने डिप्टी कमिश्नर नितिन नेर से मिलने का प्रयास किया; किंतु कार्यालय में उपस्थित होने पर भी परिवादकर्ताओं को यह कहकर वापस भेज दिया गया कि वे कार्यालय में नहीं हैं । जब उनसे पूछा गया, ‘अनधिकृत निर्माण को लेकर नगर पालिका क्या कर रही है ?’ तब उन्होंने गोलमोल उत्तर दिए ।

२.  प्रत्येक शुक्रवार को संबंधित स्थान पर बडी संख्या में नमाज अदा की जाती है । इसमें छोटे बच्चों को भी बुलाया जाता है । तब नागरिकों ने यह सवाल भी पूछा कि क्या महानगर पालिका के आयुक्त एवं नितिन नेर का ध्यान इस पर नहीं है ?

३.  प्रशासनिक व्यवस्था से तंग आकर नागरिकों ने सूचना अधिकार के अंतर्गत जानकारी प्राप्त की । सूचना प्राधिकार से यह जानकारी मिली कि नगर नियोजन विभाग ने वर्ष २०१९ में आयुक्त को पत्र दिया है कि यह निर्माण अनाधिकृत है । (इसके पश्चात भी जो बकाएदार के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करते उन्हें निलंबित कर देना चाहिए ! – संपादक)

४. १  वर्ष के उपरांत, नगर पालिका ने अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने के लिए पुलिस आयुक्त से समझौते का अनुरोध किया । नगर पालिका ने पुलिस द्वारा सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराने का कारण देकर दोबारा कार्रवाई से परहेज किया । नगर पालिका ने बताया कि नागरिकों ने पुलिस आयुक्त से अनुरोध कर पुनः समाधान हेतु आवेदन किया; परंतु अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है ।

५. उपायुक्त ने कहा, ‘हमें भय है कि इससे कानून-व्यवस्था बिगड जाएगी । इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते’, (यदि मंदिर के संबंध में ऐसी कोई बात होती तो प्रशासन त्वरित कार्यवाही करके हाथ झाड लेता ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिन्दुओं को ऐसी मांग करनी पड रही है ! जो प्रशासन दबाव के कारण अपने कर्तव्य का पालन नहीं करता, वह प्रशासन किस काम का ?