मेरे चलचित्र के हिन्दी संस्करण के प्रमाणपत्र के लिए साढे छः लाख रुपए की घूस देनी पडी !

तमिल अभिनेता विशाल ने लगाए केंद्रीय चलचित्र परिनिरीक्षण मंडल (सेंसर बोर्ड) पर आरोप

चेन्नई (तमिलनाडु) – तमिलनाडु के अभिनेता विशाल ने केंद्रीय चलचित्र परिनिरीक्षण मंडल (सेंसर बोर्ड) के मुंबई के अधिकारियों पर अपने चलचित्र के हिन्दी संस्करण को प्रमाणित करने के लिए साढे छः लाख रुपए की घूस लेने का आरोप लगाया है । विशाल का ‘मार्क एंटनी’ नामक तमिल भाषा का चलचित्र १५ सितंबर को प्रदर्शित (रीलिज) हुआ था । उसके हिन्दी संस्करण के लिए घूस लेने का आरोप लगाया गया है । विशाल ने सामाजिक माध्यमों द्वारा स्वयं का एक वीडियो प्रसारित कर आरोप लगाए हैं ।

(सौजन्य : Oneindia News) 

उन्होंने दावा किया है कि इस चलचित्र के लिए बहुत सारी वस्तुओं का त्याग करना पडा, इसलिए मेरे पास घूस दिए बिना कोई विकल्प नहीं था । विशाल ने आगे कहा कि चलचित्रगृह (थियेटर) के परदे पर भ्रष्टाचार दिखाना ठीक है; परंतु वास्तविक जीवन में उसे पचा नहीं सकते । विशेषकर सरकारी कार्यालयों में एवं केंद्रीय चलचित्र परिनिरीक्षण मंडल (सेंसर बोर्ड) के मुंबई कार्यालय में इससे भी अधिक बुरा हो रहा है । ‘मार्क एंटनी’ नामक मेरे चलचित्र के हिन्दी संस्करण (वर्जन) के लिए मुझे २ ट्रांजेक्शन (व्यवहारों) में साढे छः लाख रुपए देने पडे । उनमें से मैंने चलचित्र के प्रदर्शन के लिए ३ लाख, जबकि प्रमाणपत्र के लिए साढे तीन लाख रुपए दिए ।

इस समय विशाल ने घूस देने का विवरण भी वीडियो में दिया है । साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी को भी कार्रवाई करने का आवाहन किया है ।

संपादकीय भूमिका 

  • इस आरोप की जांच कर सरकार को वास्तविकता जनता के सामने लानी चाहिए !
  • अब ऐसा प्रश्न उठ रहा है, ‘हिन्दुओं के देवताओं का अनादर करनेवाले चलचित्रों को इस मंडल द्वारा प्रमाणपत्र दिए जातें हैं एवं हिन्दुओं के विरोध करने पर उसकी प्रविष्टि भी नहीं की जाती, क्या उस समय भी इसी प्रकार घूस लेकर इन चलचित्रों को सम्मति दी जाती है ?’ !