नई देहली – न्यायालय में महिलाओं के संदर्भ में प्रयोग किए जानेवाले आपत्तिजनक शब्दों पर सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिबंध लगाया है । महिलाओं को सम्मान देने के दृष्टिकोण से सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायालयीन वाद-विवाद एवं निर्णय में ‘वेश्या’, ‘मालकिन’ जैसे शब्दों का प्रयोग न करने को कहा है ।
अदालतों में प्रॉस्टिट्यूट-मिस्ट्रेस जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं होंगे: सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए शब्दावली जारी की, इसे 3 महिला जजों ने बनायाhttps://t.co/EcgXAplEux#GenderStereotype #CJI #supremecourt pic.twitter.com/zoiQsGeiCL
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) August 16, 2023
इसके लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाइ. चंद्रचूड द्वारा १६ अगस्त २०२३ को इन नए शब्दों एवं वाक्यों के साथ ही ‘जेंडर स्टिरियोटाइप कॉम्बैट’ नामक पुस्तिका प्रकाशित की गई है । मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायमूर्ति एवं अधिवक्ताओं के लिए यह पुस्तिका उपयुक्त है ।