अयोध्या (उत्तर प्रदेश) – श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के प्रधान सचिव चंपत राय ने १६ जुलाई को जानकारी दी है कि अयोध्या के श्रीराममंदिर के बेसमेंट का काम अक्टूबर २०२३ तक पूर्ण होगा, जबकि १५ से २४ जनवरी २०२४ की समयावधि में किसी एक दिन गर्भगृह में स्थित श्रीरामजी की मूर्ति पर अभिषेक किया जाएगा । मंदिर की प्रत्येक कलाकृति एवं भाग इस प्रकार बनाने का हमारा प्रयास है कि आगामी १ सहस्र वर्ष उसे कुछ भी नहीं हो, साथ ही उसकी मरम्मत की भी आवश्यकता नहीं होगी ।
#अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में भगवान #राम की प्राण प्रतिष्ठा 15-24 जनवरी 2024 के बीच की जाएगी : श्री चंपत राय, महासचिव @ShriRamTeerth (#Bhadohi में संवाददाताओं से बातचीत में)#Ayodhya #RamMandir #UttarPradesh @ChampatRaiVHP @airnewsalerts @AIRNewsHindi pic.twitter.com/9TKD3hJlJv
— Akashvani News/आकाशवाणी समाचार – Gorakhpur UP (@airnews_gkp) July 11, 2023
राय ने आगे कहा कि,
१. श्रीराम पंचायतन बेसमेंट (तलमाले) पर प्रस्थापित किया जाएगा ।
२. मंदिर के निर्माण कार्य में वर्तमान में २१ लाख घनफूट ग्रेनाइट, संगमरमर आदि का उपयोग हो रहा है ।
३. श्रीराममंदिर की चौखट संगमरमर की है, जबकि द्वार (दरवाजे) महाराष्ट्र की सागवान लकडी से बनाए गए हैं । उस पर कलाकृति (नक्काशी) चल रही है ।
४. मंदिर के तलमाले (बेसमेंट) पर १६२ खंभों (स्तंभों) का निर्माण किया गया है, तथा उनमें ४ सहस्र ५०० से अधिक मूर्तियों की कलाकृति की गई है । इनमें त्रेतायुग की झलक देखने मिलनेवाली है । इसके लिए केरल एवं राजस्थान से ४० शिल्पकारों (कारीगरों) को बुलाया गया है । एक शिल्कार को एक स्तंभ पर मूर्ति की कलाकृति करने में अनुमान से २०० दिन लगते हैं ।
संपादकीय भूमिकामंदिर के निर्माण के उपरांत उसकी रक्षा के लिए सक्षम तंत्र होना भी आवश्यक ! |