‘बीबीसी’ द्वारा फ्रान्स की हिंसा को अप्रत्यक्ष समर्थन देने का समाचार प्रकाशित !

फ्रान्स के मार्सेलिस के एक मुसलमान युवक की व्यथा बताकर मुसलमानों द्वारा की गई हिंसा के लिए फ्रेंच राजनीतिज्ञ उत्तरदायी हैं, ऐसा निष्कर्ष !


लंदन (इंग्लैंड) – ‘बीबीसी’ ने फ्रान्स में चल रही हिंसा के लिए वहां के राजनीतिज्ञ उत्तरदायी होने का समाचार प्रकाशित किया है । ‘फ्रान्स के दंगे : राजनीतिज्ञों के लिए हम किस झाड की पत्ती !’ इस शीर्षक के अंतर्गत प्रकाशित किए एक समाचार में फ्रान्स के मार्सेलिस के अमिने नामक १९ वर्षीय आयु के एक मुसलमान लडके की व्यथा प्रस्तुत की गई है । इस वृत्त में ‘मैं हिंसा का समर्थन करता नहीं हूं; परंतु यहां के युवावर्ग को मैं समझ सकता हूं’, इस प्रकार अमिने का कहा प्रकाशित किया गया है ।

राजधानी पॅरिस में पुलिस द्वारा नाहेल एम. नामक अरब लडके की हत्या की गई । उसके उपरांत संपूर्ण फ्रान्स में हिंसा भडक गई । मार्सेलिस के समुद्र से सटे नगरों में भी बडी मात्रा में आगजनी एवं तोडफोड की घटनाएं हुईं । इन सभी को उजागर करते हुए बीबीसी से संबंधित वृत्त में अमिने आगे कहता है, ‘इस नगर में नशीले पदार्थों की तस्करी बडी मात्रा में हो रही है । निर्धन (मुसलमान) युवावर्ग के लिए शिक्षा का कोई भी माध्यम बचा नहीं है, अपितु उनके सामने केवल नशीले पदार्थों से संबंधित व्यवसाय करने का विकल्प शेष है । राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने नगर की दो बार भेंट की । उन्होंने हमारे लिए विविध योजनाओं की घोषणा की; परंतु हमारी व्यथा नहीं सुनी’ । ऐसा अंत में अमिने ने इस वृत्त में कहा है । कुल मिलाकर इस समाचार में ‘फ्रेंच राजनीतिज्ञ ही मुसलमान युवावर्ग के असमाधान के लिए कारणीभूत है एवं इस कारण से ही ये युवक दंगें कर रहे हैं’, ऐसा निष्कर्ष निकाला गया है ।

संपादकीय भूमिका 

‘पत्रकारिता एकपक्षीय नहीं होनी चाहिए’, यह सत्य है; परंतु उसका संतुलन बनाए रखते समय हिंसा का समर्थन करना, यह निषेधार्ह ही है । अर्थात भारत के धर्मांधों को सदैव समर्थन देनेवाली बीबीसी से फ्रान्स के संदर्भ में और क्या अपेक्षा की जा सकती है ?