रामनाथी, २२ जून (वार्ता.) – वर्तमान भारत में ६ करोड बांगलादेशी घुसपैठिए हैं । ये सभी घुसपैठिए फर्जी पहचानपत्र के आधार पर भारत में रहते हुए भी केवल मतों के लिए राजनीति के लिए शासनकर्ता इन घुसपैठियों की अनदेखी कर रहे हैं । सरकार को यह विषय गंभीरता से लेकर इस विषय में सर्वेक्षण करना चाहिए । बांगलादेश से आए घुसपैठियों के कारण असम, मिजोरम एवं पश्चिम बंगाल के राज्यों के ८ सहस्र गांव मुसलमानबहुल हो गए हैं । इन सभी गावों में ९० प्रतिशत से अधिक मुसलमान हैं । इन घुसपैठियों के कारण भारत की अंतर्गत कानून एवं सुव्यवस्था की बडी समस्या निर्माण हो गई है ।
‘लैंड जिहाद’, ‘पॉप्युलेशन (लोकसंख्या) जिहाद’ एवं ‘लव जिहाद’ द्वारा इन घुसपैठियों ने भारत की अंतर्गत सुरक्षितता को संकट में डाल दिया है । जब भारत स्वतंत्र हुआ, उसी समय भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ होना अपेक्षित था; कारण देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुई थी; परंतु अब इस चूक को सुधारने का समय आ गया है । संविधान से ‘सेक्युलर’ (धर्मनिरपेक्ष) शब्द को निकाल फेंकने का समय आ गया है, ऐसे उद्गार बंगाल के ‘अखिल भारतीय कानूनी सहायता संस्था’के अर्थात ‘ऑल इंडिया लीगल एड फोरम’ के महासचिव अधिवक्ता जॉयदीप मुखर्जी ने किए । वे यहां चल रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के सप्तम दिन पर (२२.६.२०२३ को) उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे ।