रामनाथी, २२ जून (संवाददाता) – सरकार गोहत्या रोकने के लिए कुछ नहीं करती, ऐसा अनेक लोगों को लगता है । गाय जब दूध देना बंद करती है, तब हमारे हिन्दू भाई उसे बेच देते हैं । प्रत्येक परिवार ने स्वयं २ गायों का पालन किया, तो भारत में गोशालाओं की आवश्यकता ही नहीं पडेगी, ऐसा प्रतिपादन ‘जांबाज हिन्दुस्थानी सेवा समिति’ के उपाध्यक्ष अधिवक्ता आलोक तिवारी ने किया । यहां चल रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के सांतवे दिन (२२.६.२०२३ ) उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।
जांबाज हिन्दुस्थानी सेवा समिति की ओर से किया गया कार्य
१. प्रतापगढ जिले में क्रांतिकारी मंगल पांडे की प्रतिमा स्थापित करने का विरोध किया जा रहा था । उसके उपरांत हमने भाजपा विधायकों की सहायता से क्रांतिकारी मंगल पांडे की ४ प्रतिमाएं स्थापित की ।
२. आदिवासी समाज हिन्दू धर्म की रीढ है । हमने उनकी एक बस्ती गोद ली है । अब हम उन्हें हिन्दुत्व के साथ जोड के रखने का काम करते हैं ।
३. माघ मेले में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, साथ ही एक बार उसमें हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे का मार्गदर्शन भी आयोजित किया गया था ।
४. हिन्दू धर्माभिमानी विधायक श्री. राजासिंह हिन्दुत्वनिष्ठों के नेता हैं । कुछ माह पूर्व तेलंगाना सरकार ने उन्हें बंदी बनाया था, उस समय उन्हें छोडे जाने की मांग को लेकर हमारे संगठन ने प्रतापगढ जिले में विरोध प्रदर्शन किए । श्री. राजासिंह को बंदी बनाए जाने पर देश के सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को संगठित होकर उसका तीव्र विरोध करना अपेक्षित था; परंतु वैसा दिखाई नहीं दिया । वे हिन्दुओं को नेतृत्व करते हैं; इसलिए सभी हिन्दुओं को उनके साथ खडे रहना चाहिए ।
सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति हमारे लिए गुरु द्रोणाचार्य की भांति हैं ! – अधिवक्ता आलोक तिवारी, उपाध्यक्ष, जांबाज हिन्दुस्थानी सेवा समिति, उत्तरप्रदेशएक माघ मेले में हिन्दू जनजागृति समिति से हमारा परिचय हुआ । हम इससे पूर्व भी कार्य करते थे; परंतु उसे उचित दिशा नहीं थी । धर्मकार्य कैसे करना चाहिए ?, धर्मजागृति कैसे करनी चाहिए?, व्यासपीठ से भाषण कैसे देना चाहिए ?, साथ ही कार्यकर्ताओं को किस प्रकार संयम के साथ कार्य करना चाहिए ? ऐसे अनेक सूत्र हमें हिन्दू जनजागृति समिति से सिखने को मिले । इसलिए सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति हमारे लिए गुरु द्रोणाचार्य की भांति हैं । परमपूज्य डॉ. आठवलेगुरुजी (सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी) को देखने पर बहुत ऊर्जा मिलती है । वैसी ही ऊर्जा इस ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’में सम्मिलित होने पर मिलती है, जो अगले वर्षतक हमारे लिए पर्याप्त होती है । ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ का उत्साह एवं ऊर्जा यही बता रही है कि वर्ष २०२५ में भारत में निश्चितरूप से हिन्दू राष्ट्र आएगा । |