कठुआ बलात्कार प्रकरण के पीछे हिन्दुओं का धर्मांतरण करने का षड्यंत्र ! – प्रा. मधु किश्वर, संपादक, ‘मानुषी’, देहली

प्रा. मधु किश्वर

रामनाथ देवस्थान – वर्ष २०१८ में संपूर्ण विश्व में चर्चित कठुआ बलात्कार प्रकरण के पीछे हिन्दुओं का मुसलमान पंथ में धर्मांतरण करने का षड्यंत्र था, ऐसा देहली स्थित ‘मानुषी’ की संपादक प्रा. मधु किश्वर ने प्रतिपादित किया । पीडिता के हत्या से हिन्दुओं का बिल्कुल भी संबंध नहीं था, यह बात भी उन्होंने उदाहरणसहित स्पष्ट की । वर्ष २०१८ में कठुआ में एक ८ वर्षीय मुसलमान लडकी के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या की गई थी । इस प्रकरण में हिन्दू युवक के ‘बलात्कारी’ होने का सूत्र सामने लाया गया । यह प्रकरण संपूर्ण विश्व में कठुआ बलात्कार प्रकरण के रूप में चर्चित हुआ । वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के चौथे दिन प्रा. किश्वर ऐसा बोल रही थीं । इस घटना की अनेक सूक्ष्मताओं का अध्ययन कर प्रा. किश्वर ने ‘द गर्ल फ्रॉम कठुआ : अ सैक्रिफीशियल विक्टीम गजवा ए हिन्द‘ (कठुआ की लडकी : ‘गजवा ए हिन्द की बलि चढी लडकी) पुस्तक लिखकर उस माध्यम से कठुआ बलात्कार प्रकरण की भीषण वास्तविकता विश्व के सामने रखी ।

इस प्रकरण के विषय में प्रा. किश्वर ने कहा,

१. ‘कठुआ प्रकरण में आरंभ से ही हिन्दुत्वनिष्ठों ने पीडिता के साथ सामूहिक बलात्कार कर उसकी हत्या की’, यह कथानक (नैरेटिव) रचा गया तथा उसे संपूर्ण विश्व में प्रचारित किया गया । इस षड्यंत्र में जम्मू-कश्मीर की तत्कालिन मुख्यमंत्री मेहबुबा मुफ्ती तथा उसके साथ ‘सेक्यूलर गिरोह’, साथ ही संपूर्ण विश्व के एवं विश्वस्तर के माध्यमों से सहयोग दिया ।

२. इस प्रकरण में सैकडों हिन्दू युवकों का उत्पीडन किया गया । कुछ लोगों से बलपूर्वक साक्ष्य पंजीकृत करवाए गए तथा उसके माध्यम से ८ निर्दाेष हिन्दुओं को आरोपी के पिंजरे में खडा किया गया ।

३. उसके विरुद्ध जम्मू में ‘जम्मू बार एसोशिएशन’ने सहस्रो हिन्दुओंसहित जनआंदोलन कर उस प्रकरण की ‘सीबीआई’ जांच करने की मांग की; परंतु भारतीय प्रसारमाध्यमों ने इसकी जानबूझकर उपेक्षा की ।

४. एक स्तर पर सर्वोच्च न्यायालय ने बार एसोशिएन के पदाधिकारियों को उनकी वकालत की अनुज्ञप्तियां रद्द करने की चेतावनी देकर इस न्यायिक मांग का विरोध किया ।

५. किसी भी अल्पायु बलात्कार के प्रकरण में पीडिता की पहचान गुप्त रखी जाती है; परंतु इस प्रकरण में आरंभ से ही पीडिता का छायाचित्र एवं नाम माध्यमों से उछाला गया । जिस मंदिर में बलात्कार पीडिता को रखा गया था, वह मंदिर २४ घंटे खुला होता है । उस मंदिर में प्रसाद रखने की चौपाई के नीचे लडकी को छिपाए रखने की बात बताई गई । उस अवधि में उस मंदिर में अनेक कार्यक्रम संपन्न हुए; परंतु यह बात कैसे किसी की समझ में नहीं आई ?

६. लडकी घर से लापता होने के उपरांत उसका शव मिलने पर ही उसके अभिभावक सामने आते हैं; परंतु तबतक वे कहां होते हैं ?; इसलिए यह एक झूठी कहानी रची गई थी, ऐसा लगता है ।