⛳ #Vaishvik_HinduRashtra_Mahotsav begins with great fervor !
The sacred land of Lord Parshuram reverberates with spirited slogans of #HinduRashtra_4_UniversalWelfare !▫️ Watch LIVE : 16-22 June
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— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) June 16, 2023
वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव inaugurated with shankhnaad, recitation of Ved mantras and lighting of lamp by Saints and dignitaries.
Join this historic event which will lay the groundwork for #HinduRashtra_4_UniversalWelfare
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वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में एकत्रित हुईं शक्तियां हिन्दू राष्ट्र की निर्मिति के कार्य में कृतिप्रवण होंगी ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
रामनाथी (फोंडा) – खालिस्तानी आतंकवाद, हिन्दुओं के त्योहारों के दिन होनेवाले दंगे, समलैंगिक विवाह का समर्थन, ‘लिव-इन-रिलेशनशीप’ के व्यभिचार को मान्य रखना, अश्लीलता में वृद्धि इस के साथ ही अनेक हिन्दुओं के सामने अनेक समस्याएं हैं । उस पर धर्मनिरपेक्ष राज्यव्यवस्था में भी कोई समाधान नहीं है । शाश्वत हिन्दू राष्ट्र ही इस पर समाधान है । ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ अर्थात हिन्दू राष्ट्र स्थापना का लोकमंथन है । १० वर्ष पूर्व के हिन्दू राष्ट्र के विचारों के बीज का आज वटवृक्ष बन गया है । उसी प्रकार आगामी १० वर्ष उपरांत वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के बीज से दिखेगा कि, हिन्दू राष्ट्र साकार हुआ है । इस मंथन में संगठित हुई हिन्दू शक्तियां हिन्दू राष्ट्र की निर्मिति के कार्य में कृतिप्रवण होंगी, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया । फोंडा (गोवा) के श्री रामनाथ देवस्थान में १६ जून को प्रारंभ हुए वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के (११ वें अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के) उद्घाटनसत्र में हिन्दुत्वनिष्ठों को मार्गदर्शन करते समय वे ऐसा बोल रहे थे । २२ जून तक चलनेवाले इस महोत्सव में राष्ट्र एवं धर्म संदर्भ के विविध विषयों पर मान्यवर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे ।
इस समय व्यासपीठ पर बेंगळूरु (कर्नाटक) की लेखिका डॉ. एस. आर. लीला, स्वतंत्रतावीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष श्री. रणजित विक्रम सावरकर एवं पटना, बिहार के विश्व ज्योतिष महासंघ के सभापति आचार्य डॉ. अशोक कुमार मिश्र उपस्थित थे ।
✊🏻 The Divine Energy that has congregated for the ‘#Vaishvik_Hindu_Rashtra_Mahotsav’ will become active for the establishment of the ‘हिन्दू राष्ट्र’ ! – Sadguru @hjsdrpingale, National Guide, Hindu Janajagruti Samiti
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इस समय मार्गदर्शन करते हुए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा….
१. वर्तमान के ध्रुवीकरण के समय में हिन्दू जागृत हो रहे हैं; परंतु ‘यदि भारत को हिन्दू राष्ट्र की ओर अग्रसर करना है, तो धर्म के पक्ष में कार्य करना होगा’, यह बात सभी हिन्दू संगठन एवं राजनीतिक दलों को ध्यान में लेनी चाहिए ।
२. पाप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया के आतंकियों के पास वर्ष २०४७ तक भारत को इस्लामिक राज्य करने की योजना का पुस्तक प्राप्त हुआ । भारत के मौलाना भी इस्लामी राष्ट्र का विचार प्रस्तुत करने लगे हैं । भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने को इच्छुक इन जिहादियों का आवाहन भविष्य में हिन्दू राष्ट्र को झेलना पडेगा ।
३. वर्तमान पूरे देश में आरंभ की गई हिन्दू राष्ट्र की जिस प्रकार चर्चा हो रही है, वैसे हिन्दू राष्ट्र के विरोधक विविध आक्षेप ले रहे हैं । इन आक्षेपों का खंडन करने का वैचारिक कार्य हमें भविष्य में करना हैं ।
‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ का अर्थ क्या है ?सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने आगे कहा ‘हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना कोई प्रादेशिक राष्ट्रवाद की संकल्पना नहीं है । वह हमारे सनातन धर्म के वैश्विक संस्कृति एवं विश्वदर्शन का नाम हैं । हिन्दू ‘चराचर में ब्रह्म है’, ऐसा मानता है इस कारण उसका उपभोग करने की संस्कृति हिन्दुओं की नहीं है । इसलिए भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के पश्चात, उसके द्वारा विश्वकल्याण का कार्य होगा, यह आजतक का इतिहास है । इसलिए ‘सनातन भारत’ कहें, अथवा ‘हिन्दू राष्ट्र’ कहें अथवा ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र’ कहें, इन सभी का अर्थ एक ही है ।’ |
इस प्रकार से संपन्न हुआ उद्घाटन समारोह !
महोत्सव के आरंभ में सनातन के पुरोहित श्री. अमर जोशी ने शंखनाद किया । उसके उपरांत हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के पू. (अधिवक्ता) हरिशंकर जैनजी, गोंदिया के ‘तिरखेडी आश्रम’ के संस्थापक पूज्य संत श्रीराम ज्ञानीदास महात्यागीजी, बेलतरोडी (नागपुर) के ‘श्री गुरुकृपा सेवा आश्रम’ के निदेशक अध्यक्ष पू. भागीरथी महाराजजी, धुले की ‘श्रीरामजानकी सेवा समिती एवं श्यामसुंदर गोवर्धन गोशाला’ के संस्थापक अध्यक्ष भागवताचार्य (अधिवक्ता) श्री राजीवकृष्णजी महाराज झा एवं जयपुर (राजस्थान) के ‘ज्ञानम् फाउंडेशन’ के संस्थापक तथा अध्यक्ष महंत श्री दीपक गोस्वामी के करकमलों से दीपप्रज्वलन किया गया । उसके उपरांत सनातन के पुरोहित सर्वश्री अमर जोशी एवं सिद्धेश करंदीकर ने वेदमंत्रपाठ किया ।
श्रृंगेरी के दक्षिणाम्नाय श्री शारदापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्यजी के उत्तराधिकारी शिष्य जगद्गुरु शंकराचार्य श्री श्री श्री विधुशेखर भारती महाराज के शुभसंदेश का वीडियो के द्वारा प्रसारण किया गया । उसके उपरांत सनातन के सद्गुरु सत्यवान कदमजी ने सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के शुभसंदेश का वाचन किया । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद गौडा ने कर्नाटक के पेजावर मठ के पेजावर श्री विश्वप्रसन्नतीर्थ स्वामीजी के संदेश का वाचन किया ।
मान्यवरों के करकमलों से ग्रंथों का लोकार्पण !
इस अवसर पर व्यासपीठ पर उपस्थित भागवताचार्य (अधिवक्ता) श्री. राजीवकृष्णजी महाराज झा, पू. भागिरथी महाराज, पूज्य संत श्रीराम ज्ञानीदास महात्यागीजी, अधिवक्ता (पू.) हरिशंकर जैनजी, महंत दीपक गोस्वामी के करकमलों से सनातन की ग्रंथशृंखला के अंतर्गत ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की अनमोल सीख’ ‘प्रत्यक्षरूप से साधना सिखाने की पद्ध्तियां’ इस हिन्दी एवं मराठी भाषा के ग्रंथ का लोकार्पण किया गया ।
इसके साथ ही ठाणे के वरिष्ठ लेखक एवं व्याख्याता श्री. दुर्गेश परुळकर द्वारा लिखित ‘महाभारत के अलौलिक चरित्र’ इस शृंखला के अंतर्गत खंड १ ‘निष्काम कर्मयोगी भीष्म’ ग्रंथ का श्री. दुर्गेश परुळकर, सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, केरलीय क्षेत्र परिपालन समिति के आचार्य पी.पी. एम्. नायर, प.पू. यती मां चेतनानंद सरस्वतीजी के करकमलों से लोकार्पण किया गया ।