उत्तराखंड में ‘लवजिहाद’ की बढती घटनाओं के पीछे केरल का संबंध !

  • ‘लवजिहाद’ का आरोपी केरल जाकर आने की बात स्पष्ट !

  • ‘लवजिहाद’ के पीछे बडा षड्यंत्र होने की संभावना !

देहरादून (उत्तराखंड) – यहां का पछुवा देहरादून भाग के ‘लवजिहाद’ का अड्डा बनने की घटनाएं सामने आ रही हैं । हिन्दू युवतियों को प्रेमजाल में फंसा कर उन्हें धर्म-परिवर्तन तथा विवाह करने को बाध्य किया जा रहा है । हिन्दू संगठनों की जानकारी के अनुसार अल्पवयस्क हिन्दू लडकियों को यहां के उपाहार गृहों में लाया जाता है । यहां के कक्षों में उनका लैंगिक शोषण करके उनके अश्‍लील वीडियो तैयार किए जाते हैं । तत्पश्चात उसके आधार पर इन लडकियों को ब्लैकमेल कर उन्हें धर्म-परिवर्तन तथा विवाह करने को बाध्य किया जाता है ।

गत २ सप्ताह में पछुवा देहरादून में ‘लवजिहाद’ की ८ से १० घटनाएं सामने आई हैं । ताजी घटना में सौंदर्य प्रसाधन का (ब्युटी पार्लर का) काम करनेवाली हिन्दू युवती को फरहान ने प्रेमजाल में फंसाया । उससे लैंगिक संबंध रख कर उसका वीडियो तैयार किया । उसके आधार पर वह उससे ब्लैकमेल करता था । अन्य युवक से इस युवती का विवाह होने पर भी फरहान उसे ब्लैकमेल कर होटल में बुलाता था । इसकी जानकारी ‘वैदिक मिशन’ संगठन को प्राप्त होने पर पुलिस में परिवाद प्रविष्ट किया गया । तत्पश्चात पुलिस ने फरहान को बंदी बनाया । फरहान को सहायता करनेवाले उसके भाई नईम सलमानी को भी बंदी बनाया गया । पछुवा देहरादून की ‘लवजिहाद’ की ३ घटना के आरोपी पूर्व में केरल जाकर आए थे । इसलिए, ‘कहीं ऐसा तो नहीं कि उत्तराखंड के मुस्लिम यु‍वकों को केरल में ‘लवजिहाद’ का प्रशिक्षण दिया जाता हो ?’ अब पुलिस इसका कारण ढूंढ रही है । इसके साथ ‘क्या इस भाग में ‘लवजिहाद’ का षड्यंत्र रचा गया है ?’ इसका भी पता लगाया जा रहा है ।

कडी कार्यवाही करें ! – मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिसकर्मियों को दिया आदेश

उत्तराखंड के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में ‘लवजिहाद’ की बढती घटनाओं के विषय में चिंता व्यक्त की है । उन्होंने पुलिस महासंचालक को ऐसे प्रकरणों में धर्म-परिवर्तन विरोधी कानून के अंर्तगत कडी कार्यवाही करने का आदेश  दिया है । उन्होंने यह भी कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को ‘लवजिहाद’ का अड्डा नहीं बनने दूंगा ।

संपादकीय भूमिका 

कहा जाता है कि देवभूमि उत्तराखंड में मुस्लिमों की संख्या अल्प है; परंतु इस षड्यंत्र को देखते हुए यदि अगले कुछ वर्षों में उसमें भारी मात्रा में वृद्धि हुई, तो आश्‍चर्य नहीं प्रतीत होना चाहिए  !