मुझे स्वेच्छा से सनातन धर्म स्वीकार करना है !

बांग्लादेश से आई मुसलमान युवती ने कथावाचन के समय धीरेंद्रकृष्ण शास्त्रीजी से की विनती !

बालाघाट (मध्य प्रदेश) – यहां परसवाडा क्षेत्र में बागेश्‍वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्रीजी के रामकथा वाचन के समय बांग्लादेशी मुसलमान युवती ने अपने विचार प्रस्तुत किए । शास्त्रीजी ने उसे व्यासपीठ पर बुलाया । उस युवती ने कहा, ‘भगवान रामजी का नाम लेने से मनःशांति मिलती है । मैं ‘यू ट्यूब’ पर हिन्दू धर्म का भजन, कीर्तन, धार्मिक कथा एवं आपकी (धीरेंद्रकृष्ण शास्त्रीजी की) रामकथा देखती हूं । अब मुझे सनातन धर्म स्वीकार करना है । सनातन धर्म से बढकर अन्य कोई धर्म नहीं है ।’

धीरेंद्रकृष्ण शास्त्रीजी ने उस युवती से पूछा, ‘क्या आप किसी के दबाव में आकर ऐसा बोल रही हैं ?’, तब उसने कहा, ‘मैं स्वच्छा से विजा लेकर भारत आई हूं तथा मुझ पर किसी का भी दबाव नहीं है ।’ तब शास्त्रीजी ने कहा, ‘अभी आप अपने धर्म में ही रहो । हम पर उपद्रव निर्माण करने का आरोप लगाया जाता है; परंतु मैं किसी भी धर्म के विरुद्ध नहीं हूं एवं धर्मांतरण में मेरा विश्वास नहीं है । श्रीरामनाम पर एवं धर्म में पुनर्प्रवेश करने में मेरा विश्‍वास है ।’