Sanatan Prabhat Exclusive : महाकुंभक्षेत्र में कहीं भी बिजली की आपूर्ति बाधित हुई, तो ५ सेकेंड में सौरबिजली की बिजली आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था !

  • सौरऊर्जा पर संचालित १६ सहस्र दीपों की व्यवस्था !

  • ६७ सहस्र बिजली के खंबों के द्वारा कुंभक्षेत्र में ४.५ लाख बिजली संयोजन (कनेक्शंस) !

श्री. गिरीश पुजारी, प्रतिनिधी

प्रयागराज, ९ जनवरी (संवाददाता) : महाकुंभपर्व में किसी घातपात अथवा दुर्घटना के कारण यदि बिजली की आपूर्ति बाधित हुई, तो केवल ५ ही सेकेंड में वैकल्पिक बिजलीआपूर्ति हेतु सौरऊर्जा की व्यवस्था कार्यरत की गई है । सौरऊर्जा के द्वारा महाकुंभ की सभी सडकों तथा घाटों पर केवल ५ ही सेकेंड में बिजली की आपूर्ति हो जाएगी, ऐसी जानकारी उत्तरप्रदेश सरकार के अधीन ‘पूर्वांचल बिजली वितरण निगम मर्यादित’के अधीक्षक अभियंता मनोज गुप्ता ने ‘सनातन प्रभात’को दी ।

अभियंता मनोज गुप्ता ने कहा, ‘‘महाकुंभ में त्रिवेणी संगमक्षेत्र के तीनों तटों पर ३२ चतुष्कोनीय किलोमीटर के क्षेत्र में कुंभपर्व बंसा है । इस पूरे कुंभक्षेत्र में ६७ सहस्र बिजली के खंभे लगाकर ४ लाख ५० सहस्र बिजली के संयोजन दिए गए हैं । संपूर्ण कुंभपर्व में १४ किलोमीटर लंबाईवाली बिजली की वाहिनियों द्वारा बिजली की आपूर्ति की जा रही है । पिछले २ महिनों से कुंभक्षेत्र में बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था का कार्य चल रहा है । कुंभपर्व में प्रतिदिन ३० सहस्र किलोवैट बिजली की आवश्यकता पड रही है । कुंभपर्व में कुल १४ मुख्य केंद्र तथा ५० उपकेंद्र संचालित किए गए हैं । बिजली की व्यवस्था हेतु कुंभक्षेत्र में ३३ सरकारी अधिकारी तथा लगभग ५ सहस्र अस्थाई कर्मचारी कार्यरत हैं ।’’

बिजली की आपूर्ति बाधित हुई, तो ऐसी की जाएगी बिजली की आपूर्ति !

अभियंता मनोज गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा, ‘‘बिजली की आपूर्ति यदि बाधित होती है, तो बिजली की वैकल्पिक आपूर्ति हेतु १२५ किलोवैट क्षमतावाले ८५ जनरेटर हैं । इन जनरेटर्स के द्वारा २० सेकेंड में बिजली की आपूर्ति यथावत चालू होगी । बिजली की मुख्य आपूर्ति बाधित होने पर जनरेटर्स के द्वारा अपनेआप बिजली की आपूर्ति यथावत हो, इस प्रकार से व्यवस्थाएं की गई हैं । जनरेटर्स की सहायता से सभी प्रशासनिक कार्यालयों तथा मुख्य सडकों पर बिजली के दीप प्रज्वलित होंगे । जनरेटर्स के कार्यरत होने में आवश्यक २० सेकेंड के समय की भरपाई हेतु सौरऊर्जा की व्यवस्था कार्यरत है, जो केवल ५ ही सेकेंड में कार्यरत होगी । इसके लिए कुंभक्षेत्र में बिजली के कुल १६ सहस्र दीप लगाए गए हैं । सौरऊर्जा के द्वारा घाटों तथा भीडवाले स्थानों पर बिजली की यथावत आपूर्ति होगी ।’’

अभी भी ढाई लाख बिजली के संयोजनों का काम लंबित !

‘‘वर्ष २०१९ में संपन्न अर्धकुंभ के समय ३.५ लाख बिजली के संयोजन दिए गए थे । अभी भी कुछ अखाडों का तंबू लगाने का काम चल रहा है । तंबू लगाने का काम पूरा होने के उपरांत वहां बिजली के संयोजन दिए जाते हैं । अभी भी २.५ लाख बिजली के संयोजन लंबित हैं । बिजली के संयोजनों का काम युद्धस्तर पर चल रहा है’’, ऐसा अभियंतागुप्ता ने कहा ।

बिजली के खंभों पर अंकित ‘क्यू.आर्. कोड’ की सहायता से बिजली के संबंध में शिकायत दी जा सकेगी ! 

विशेष बात यह कि कुंभपर्व में बिजली के प्रत्येक खंभे पर ‘क्यू.आर्. कोड’ लगाए गए हैं । स्मार्टफोन के कैमरे से इस कोड को स्कैन करने पर चलित भ्रमणभाष में शिकायत का आवेदन (फॉर्म) खुल जाता है । उसके आधार पर कुंभपर्व के किसी भी क्षेत्र से बिजली के संबंध में तत्काल शिकायत की जा सकेगी । इन शिकायतों पर कार्यवाही करने हेतु स्वतंत्ररूप से ‘पोर्टल’ बनाया गया है तथा उसके लिए बिजली विभाग के अभियंता कार्यरत हैं । किसी क्षेत्र के बिजली के खंबे पर अंकित ‘क्यू.आर्. कोड’ स्कैन करने पर बिजली विभाग को उस क्षेत्र की जानकारी भी प्राप्त होनेवाली है । उसके कारण कुंभपर्व के निश्चित किसी क्षेत्र में बिजली की समस्या है, इसकी जानकारी बडी सहजता से मिल सकेगी ।

बिजली संयोजन करनेवाले कर्मचारियों से अवैधरूप से पैसों की मांग ! 

अखाडों को बिजली का संयोजन करने के लिए कुछ कर्मचारी पैसों की मांग कर रहे हैं, ऐसी जानकारी कुछ अखाडों के द्वारा ‘सनातन प्रभात’को ज्ञात हुई । इस संबंध में पूछे जाने पर अभियंता गुप्ता ने कहा, ‘बिजली का संयोजन करनेवाले कुछ अस्थाई कर्मचारी पैसों की मांग कर रहे हैं, जो अवैध है । हमें ऐसी कुछ शिकायतें मिली हैं । इस विषय में अखाडों के प्रतिनिधियों को प्रमाण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं ।’