केरल की अनघा नाम की लडकी का अनुभव !
तिरुवनंतपुरम (केरल) – केरल में ‘लव जिहाद’ की विभीषिका तथा जिहादी आतंकवाद का षड्यंत्र उजागर करने वाला चलचित्र ‘द केरला स्टोरी’ के प्रदर्शित होने के उपरांत अनेक पीडित युवतियों ने स्वयं समक्ष आकर अपने साथ घटित घटनाओं की जानकारी दी है । इनमें केरल के त्रिशूर की अनघा नाम की युवती ने भी जानकारी साझा की है । सामाजिक माध्यम पर उसका चलचित्र वायरल हो रहा है ।
‘जो पर्दा नहीं करते उसे अल्लाह जहन्नुम की आग में डाल देते हैं’: जिसे मुस्लिम रूममेट ने पहनाया ‘बुर्का’, उसने कहा मेरा इस्लामी धर्मांतरण भी ‘द केरल स्टोरी’ जैसी#KeralaStory https://t.co/hqIwNol8o3
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) May 8, 2023
अनघा ने समाचार वाहिनी ‘रिपब्लिक इंडिया’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि
मेरा जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ । मेरे परिवार में मेरे माता-पिता के अतिरिक्त मेरी २ बहनें हैं । मैं एक फीजियोथेरेपिस्ट हूं तथा ‘अर्शा विद्या समाज’ की पूर्णकालिक कार्यकर्त्री हूं । मैंने ५ मई को चलचित्र ‘द केरला स्टोरी’ देखा । चलचित्र देखने के उपरांत मैंने अनुभव किया कि इसकी कथा मेरे अपने जीवन से साम्य रखती है । वर्ष २०२० में ´अर्शा विद्या समाज´ में आने से पूर्व मैं इस्लाम का अनुकरण करती थी । उसी कालखंड में मैंने धर्मांतरण किया । उसके उपरांत मैं ´अर्शा विद्या समाज´ से जुड गर्इ ।
मुस्लिम लडकी के हिन्दुत्व के विषय में पूछे गए प्रश्नों पर मैं अनुत्तरित थी !
उस समय मैंने अपने धर्म, वास्तविक इतिहास तथा देश की वर्तमान घटनाओं को दुर्लक्ष्य करते हुए इस्लाम को अधिक महत्त्व देना आरंभ कर दिया । इस्लाम से संबंधित अध्ययन भी आरंभ किया । अपने महाविद्यायल के दिनों में मैं एर्नाकुलम में एक छात्रावास में रहती थी । मेरे कक्ष में रहने वाली एक मुस्लिम लडकी मुझसे हिन्दुत्व के विषय में प्रश्न किया करती थी । मेरे धर्म पर प्रश्नचिन्ह लगाती । उस समय मैं उसके किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं दे पार्इ । मैं चुप रहती थी क्योंकि मुझे अपने धर्म के संबंध में उचित मार्गदर्शन नहीं मिलता था ।
मेरे माता पिता को भी धर्म का विशेष ज्ञान नहीं था !
मैंने अपने माता-पिता से भी उन प्रश्नों की चर्चा की, किंतु वे भी मुझे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए । इसके उपरांत मैंने माध्यमों पर शोध करना आरंभ किया, किंतु वहां भी मुझे संतोषजनक उत्तर नहीं मिले । तब मुझे हिन्दू धर्म की वैधता पर संदेह होने लगा । दूसरी ओर जब मैंने अपने कक्ष में रहनेवाली मुस्लिम लडकी से इस्लाम के संबंध में प्रश्न किए तो उसने सभी प्रश्नों के उत्तर दिए, क्योंकि उसे बचपन से ही इस्लाम की शिक्षा दी गई थी । उसने हिन्दू धर्म की आलोचना की, किंतु मेरे पास उसके प्रश्नों के उत्तर नहीं थे । (हिन्दुओं के संगठन हिन्दुओं को धार्मिक शिक्षा देने की आवश्यकता पर ध्यान दें ! – संपादक)
उसने मुझे जाकिर हुसैन का चलचित्र दिखाया एवं धर्म परिवर्तन करने का आग्रह किया !
एक मुस्लिम लडकी ने मुझसे कहा, ‘अल्लाह ही एक ईश्वर है ।’ चलचित्र ‘द केरला स्टोरी’ के मुख्य पात्र के साथ जो होता है, वह वास्तविक जीवन में मेरे साथ हुआ । धीरे-धीरे मेरी मुस्लिम सहेली मुझे प्रभावित करने लगी । मुझे उसकी बातें ठीक लगती थीं। इसलिए मैंने उससे इस्लाम सीखना आरंभ कर दिया । उसने मुझे एक अनुवादित कुरान दी तथा आगे के अध्ययन के लिए मुझे जाकिर नाइक, एम.एम. अकबर एवं कुछ लोगों के चलचित्र भी दिखाए । उसने बार-बार मुझसे इस्लाम स्वीकार करने के लिए कहा । पूरे शरीर को ढंकने वाले कपडे पहनने का सुझाव दिया तथा कहा, ‘यदि तुम अपना शरीर दिखाओगी तो अल्लाह तुम्हें नरक की आग में झोंक देगा । अल्लाह सदा बुर्के में रहने वाली महिलाओं की सहायता करता है ।’
श्रुति नाम की युवती का इसी पद्धति से किया गया धर्मांतरण !
केरल की श्रुति नाम की एक युवती का भी इसी प्रकार धर्मांतरण हुआ था । उसने कहा कि महाविद्यालय में स्नातक के अध्ययन के समय उसे एक मुसलमान सहेली ने भ्रमित किया था, फलस्वरूप उसने धर्मांतरण कर लिया । धर्मांतरण के उपरांत उसका नाम रहमत रखा गया ।