अजमेर दरगाह को मिलनेवाले अर्पण में भ्रष्टाचार ! – कर्मचारी

कर्मचारियों द्वारा दरगाह समिति की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी.) से जांच करने की मांग !

अजमेर (राजस्थान) – यहां ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के खादिम (कर्मचारी) एवं दरगाह समिति के सदस्यों के मध्य विवाद चरम सीमा तक पहुंच गया है । खादिमों ने इस समिति के सदस्यों पर आरोप लगाया है कि दरगाह को मिलनेवाले अर्पण में भ्रष्टाचार हो रहा है । उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी.) से इस प्रकरण की जांच करने की मांग की है । इस संदर्भ में अजमेर के जिलाधिकारी को निवेदन दिया गया है ।

इस निवेदन में कहा गया है कि, विगत ५ वर्षों से यहां आनेवालें भक्तों को समिति ने किसी भी सुविधा की आपूर्ति नहीं की है । दरगाह की छत टुट गई है । फर्शों की भी ऐसी ही स्थिति है । चारों ओर अस्वच्छता है । इस कारण आनेवालें भक्तों को कष्ट झेलने पडते हैं । लोगों ने दान दिए धन में हेराफेरी की जा रही है । दरगाह की संपत्ति का दुरुपयोग किया जा रहा है । राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के उपरांत भी दरगाह समिति ने प्रतिक्षालय खोला नहीं है ।

संपादकीय भूमिका 

क्या हिन्दुओं के मंदिरों का पूर्णतया सरकारीकरण करनेवाली सर्व दल की सरकारें ऐसे दरगाहों का सरकारीकरण करने का साहस करेगी ?