इस बार चारधाम यात्रा में सहभागी होनेवाले इच्छुक भक्तों को नाम प्रविष्ट करना अनिवार्य !

नई देहली – हिन्दू धर्म में चारधाम यात्रा का अनन्य साधारण महत्त्व है । केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री एवं गंगोत्री के दर्शन के लिए हिन्दू लंबे समय से प्रतीक्षारत रहते हैं । ये सभी तीर्थक्षेत्र उत्तराखंड राज्य में स्थित हैं तथा इस बार राज्य सरकार ने इस यात्रा के लिए कुछ नियम बनाए हैं । दर्शन के लिए पहले से ही भक्तों को नाम प्रविष्ट करने पडेंगे । अन्यथा धार्मिक यात्रा में सहभागी नहीं हो सकेंगे ।

१. प्रतिवर्ष चारधाम यात्रा अप्रैल अथवा मई माह में आरंभ होती है तथा अक्तूबर से नवंबर तक चलती है ।

२. चारधाम यात्रा के लिए भक्त ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन इस प्रकार दोनों पद्धति से प्रविष्टियां कर सकते हैं । वर्तमान में बदरीनाथ एवं केदारनाथ तीर्थक्षेत्रों के लिए प्रविष्टियां आरंभ हो चुकी हैं, जबकि गंगोत्री एवं यमुनोत्री धामों के लिए प्रविष्टियां आरंभ नहीं हुई हैं । दोनों मंदिरों के द्वार खोलने की घोषणा के पश्चात प्रविष्टि प्रक्रिया आरंभ होगी ।

३. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में समिति चारधाम यात्रा की तैयारी का ब्योरा लेगी । गत वर्ष चारधाम यात्रा में भक्तों की बडी संख्या में भीड हुई थी । इस बार भी बडी संख्या में भीड होने की संभावना है । राज्य के पर्यटन विभाग ने गत वर्ष के आधार पर इस बार केदारनाथ धाम के लिए प्रति दिन १५ सहस्र, बदरीनाथ धाम के लिए १८ सहस्र, गंगोत्री धाम के लिए ९ सहस्र, तो यमुनोत्री के लिए ६ सहस्र भक्तों को दर्शन हेतु जाने देने का निर्णय लिया है ।

४. चारधाम यात्रा के मार्ग पर भक्तों की स्वास्थ्य सुविधा, रहने की व्यवस्था, बस की सुविधा, घोडे एवं खच्चऱ की स्वास्थ्य जांच, बिजली एवं पीने के पानी आदि की व्यवस्थाओं की आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है ।