पलामू (झारखंड) में धर्मांध मुसलमानों द्वारा शिवरात्रि के तोरण द्वार का विरोध करते हुए हिंसाचार !

  • मस्जिद से हिन्दुओं पर पत्थरबाजी, उसके प्रतिउत्तर में मस्जिद पर भी  पत्थरबाजी 

  • मस्जिद के बाहर की दुकानों को जलाया गया  

  • घर, दुकानें, दोपहिया वाहनों आदि को जलाया गया 

पलामू (झारखंड) – झारखंड में पलामू जिले के पांकी की मस्जिद चौक में महाशिवरात्रि निमित्त तोरणद्वार (कमान) लगाने पर धर्मांध मुसलमानों ने हिंदुओं पर किए आक्रमण के कारण यहां हिंसाचार हुआ । इसमें घर, दुकानें, दोपहिया वाहनों आदि को जलाने के साथ मस्जिद से पत्थर बाजी की गई। इस हिंसा में १८ से अधिक लोग घायल हुए। इसमें कुछ पुलिसकर्मियों सहित उपअधीक्षक आलोक कुमार भी सम्मिलित हैं। यहां बडे प्रमाण में पुलिस तैनात की गई है।

१. पांकी में राहेवीर पहाड़ी के शिवमंदिर में प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार १८ फरवरी को महाशिवरात्रि है। इस निमित्त से मस्जिद चौक में तोरणद्वार बनाया जा रहा था। उसके लिए सामग्री लेकर काम करनेवाले पहुंचे थे। उस समय मुसलमानों ने उन्हें तोरणद्वार बनाने से रोका । उनका कहना था, ‘यहां मस्जिद है इसलिए तोरण द्वार बनाने नहीं देंगे ।’ (मुसलमानों का ‘सर्वधर्मसमभाव’ ! ऐसे समय निधर्मीवादी, धर्मनिरपेक्षतावादी, पुरो(अधो)गामी कौन से बिल में छुपकर बैठे हैं ? – संपादक) इस पर विवाद आरंभ हुआ। उसके उपरांत काम करनेवाले वहां से लौट गए।

२. दूसरे दिन सुबह कुछ लोग पुनः तोरणद्वार बनाने के लिए मस्जिद चौक में पहुंचे।  तब वहां मुसलमान जमा हो गए। इसकी जानकारी पुलिस को मिलने पर पुलिस वहां पहुंची। पुलिस ने दोनों के बीच चर्चा आरंभ की । इस समय मुसलमानों ने मंदिर समिति के सदस्य निरंजन सिंह के सर पर लाठी मारी। इसमें उनके सर पर चोट लगने से वहां हिंसा आरंभ हो गई। दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे पर पथराव होने लगा। मस्जिद से पत्थरबाजी होने पर मस्जिद पर भी पत्थर एवं शीतपेय की बोतलें फेंकी गई। तथा मस्जिद के आसपास की दुकानों की तोडफोड की गई । इसके उपरांत पुलिस ने अधिक पुलिसफोर्स बुलाकर स्थिति को नियन्त्रण में लिया। अभी वहां धारा १४४ (जमाव बंदी) लगाई गई है। साथ ही इंटरनेट बंद किया गया है।

संपादकीय भूमिका

झारखंड में ‘झारखंड मुक्ती मोर्चा’ की हिन्दूद्वेषी सरकार होने के कारण वहां धर्मांधों का गढ है तथा वह इस प्रकार की खुराफात करते हैं ! हिन्दुओं को उनकी रक्षा के लिए हिन्दुत्वनिष्ठों को मत देना आवश्यक है !