जळगांव (महाराष्ट्र) – हिन्दू जनजागृति समिति एवं श्री गणपति मंदिर देवस्थान न्यास (पद्मालय, जळगांव) द्वारा मंदिरों एवं धर्मपरंपराओं की रक्षा हेतु जळगांव में २ दिवसीय ऐतिहासिक ‘महाराष्ट्र मंदिर-न्यास परिषद’ का आयोजन किया गया । उसके उद्घाटन के सत्र में जळगांव के पद्मालय देवस्थान के न्यासी तथा जैन उद्योग समूह के अध्यक्ष अशोक जैन ने आश्वासक उद्गार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मंदिरों को धर्म से भिन्न नहीं किया जा सकता । मंदिर श्रद्धालुओं के अंत:करण में श्रद्धा एवं विश्वास को दृढ बनाते हैं; इसलिए मंदिरों में नियमित रूप से पूजा-अर्चना होना, मंदिर का कामकाज पारदर्शी होना, साथ ही मंदिरों के व्यवस्थापन में गुणात्मक वृद्धि होना आवश्यक है । इस परिषद के माध्यम से मंदिरों का व्यवस्थापन सशक्त हो रहा है । किसी भी संस्था का सशक्त होना, उसके व्यवस्थापन पर निर्भर होता है; परंतु मंदिरों के व्यवस्थापन के विषय में ऐसा किसी भी प्रकार का पाठ्यक्रम सिखाया नहीं जाता । मंदिर परिषद के माध्यम से यह कार्य हो रहा है । इसके लिए संगठन एवं शासन के मध्य सुसंवाद रखनेवाले माध्यमों को भी आवश्यकता है । मंदिर के व्यवस्थापकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पडता है । इसके लिए मंदिर के न्यासियों को मंदिरों की ओर अभिभावक के भाव से देखना आवश्यक है । तीर्थस्थलों एवं मंदिरों की परंपराएं प्राचीन हैं, उनका अध्ययन किया जाना चाहिए । तीर्थस्थल पर्यटन स्थल नहीं हैं । न्यासियों को एक-दूसरे के हाथ में हाथ डालकर मंदिरों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए एकत्रित होना चाहिए । उसके कारण मंदिरों का संघर्ष किसी एक का नहीं रहेगा । इससे समस्याओं का तुरंत समाधान निकल सकेगा । मंदिर परिषद के माध्यम से इसके लिए समान कार्यक्रम सुनिश्चित होगा ।’’
संतों-महंतों की वंदनीय उपस्थिति में मान्यवरों के हस्तों दीपप्रज्वलन कर इस परिषद का आरंभ हुआ । संपूर्ण राज्य से आए विभिन्न मंदिरों के २५० से अधिक प्रतिनिधियों ने इस परिषद में भाग लिया ।
इस अवसर पर व्यासपीठ पर नासिक के काळाराम मंदिर के आचार्य महामंडलेश्वर महंत श्री सुधीरदासजी महाराज, देऊळगांवराजा के बालाजी देवस्थान के श्री. विजय सिंह राजे जाधव, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सनातन संस्था के धर्मप्रसारक सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी एवं हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे उपस्थित थे । (५.१.२०२३)