चंडीगड – हरियाणा के करनाल में नंदीग्राम गोशाला में गोवंश के चारे में विष मिलाकर ४५ गायों की हत्या करने के प्रकरण में विशाल, रजत, सूरज तथा सोनू इन धर्मांतरित ईसाइयों को बंदी बनाया गया । इस प्रकरण में अमर नाम का सूत्रधार फरार है । बंदी बनाए गए चारों लोग मृत गायों को उठानेवाले ठेकेदार के कर्मचारी हैं । इस गोशाला में गायों के मरने का प्रमाण अल्प है । जिससे हड्डी, चरबी एवं चमडी की बिक्री का प्रमाण अल्प होने से उनके धंधे की हानि हो रही थी । इस कारण उन्होंने गायों की हत्या की ।
हिंदू से बने ईसाई, गुड़ में जहर मिला मार डाले 45 गाय: कॉन्ग्रेस नेता के पति के पास मृत गायों को उठाने का ठेका, कम मौतों से धंधा हो गया था मंदा#Haryana https://t.co/hTUmpDxH7p
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) February 13, 2023
१. २६ जनवरी २०२३ से प्रत्येक रात्रि एक एक गाय को मारने की प्रक्रिया शुरू की । कुछ दिनों के अंतराल पर ४५ गायों ने दम तोड़ दिया ।
२. इस प्रकरण में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन कर जांच करने का आदेश दिया था ।
३. जांच के समय विशाल एवं रजत ने जानकारी दी कि, मृत गायों की बिक्री से उन्हें ८ से १० हजार रुपए ही मिलते थे । यह दोनों गोशाला से मृत गायों को उठाकर उनकी बिक्री करते थे ।
४. इसके पहले भी इन चारों ने ३-४ बार इस प्रकार गायों को विष देकर उनकी हत्या की थी ।
५. इस गोशाला की मृत गायों को उठाने का काम नेत्री रानी कंबोज के पति दीपक मेहरा को दिया गया था । मेहरा ने यह ठेका अमित को दिया था । ४५ गायों के मरने पर कांग्रेसियों ने सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया । जिसमें रानी कंबोज भी सहभागी हुईं थी ।
संपादकीय भूमिकागोवंश की अमानवीय हत्या करनेवालों को आजन्म कारावास में डालना आवश्यक ! धर्मांध मुसलमानों के साथ साथ ईसाई भी गोवंश को समूल नष्ट कर रहे हैं, इस उदाहरण से यह दिखाई देता है ! |