इस्लाम और ईसाई पंथ के संदर्भ में किए गए विधान का प्रकरण
बरमार (राजस्थान) – इस्लाम और ईसाई पंथ के संदर्भ में किए गए विधान के कारण योगऋषि रामदेवबाबा के विरोध में यहां के चौहतान पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट किया गया है । भा.दं.वि. की धारा १५३ अ, २९५ अ और २९८ के अंतर्गत धार्मिक भावनाएं भडकाने, सामाजिक वातावरण बिगाडने का प्रयास करना, धार्मिक भावनाएं आहत करने का वक्तव्य करना ऐसे आरोपों के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया गया है ।
क्या कहा था योगऋषि राबदेवबाबा ने ?
राजस्थान के एक कार्यक्रम में योगऋषि रामदेवबाबा ने कहा था कि, इस्लाम में ५ बार नमाज पढने के उपरांत कुछ भी कर सकते हैं; हिन्दू लडकियों को उठाकर ले जाना अथवा आतंकवादी बनकर जो मन में आए वो करें । ५ बार नमाज पढने पर ‘जन्नत’ (स्वर्ग) मिलती है । जन्नत में शराब मिलती होगी, तो ऐसी जन्नत ‘जहन्नुम’ (नरक) से बुरी है । सभी जाति के लोगों का इस्लाम में धर्मपरिवर्तन करने का प्रयास किया जा रहा है । चर्च में जाकर मोमबत्ती लगाने से सभी पाप धोए जाते हैं; लेकिन हिन्दू धर्म में ऐसा नहीं होता है ।