जम्मू में हिन्दू कर रहे हैं बंदूक चलाने का अभ्यास !

हिन्दुओं ने जिहादियों से अपनी रक्षा स्वयं करने का निश्चय किया !

श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर में जिहादी आतंकवादियों द्वारा हिन्दुओं को लक्ष्य बनाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है, इसलिए हिन्दूओं ने अपनी रक्षा के लिए सिद्धता प्राप्त करने का संकल्प किया है । डांगरी में स्थानीय हिन्दू और सिखों ने अपनी बंदूकें निकाल ली हैं और लक्ष्य भेदने का अभ्यास कर रहे हैं । २० वर्ष पूर्व पुलिस ने ग्रामीणों को आत्मरक्षा के लिए ७१  बंदूकें उपलब्ध कराई थीं । ग्रामीण अब उन बंदूकों का उपयोग करने का प्रयत्न कर रहे हैं ।

अभी-अभी कुछ समय पूर्व १ जनवरी २०२३ को धर्मांध आतंकियों ने इस गांव में घुसकर गांव के ५ हिन्दूओं की हत्या कर दी । उस समय  हुए बम धमाके में २ बच्चों की भी मृत्यु हो गई थी । तभी गांव के बालकृष्ण शर्मा ने आतंकियों पर गोलीबारी कर दी । इसलिए आतंकी वहां से भाग गए । १९९८ से २००१ के मध्यकाल में पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से कुछ लोगों को बंदूकें उपलब्ध कराईं । शर्मा उनमें से एक हैं । गांव के लोगों के मारे जाने से गांव के हिन्दू आक्रोशित हैं । इस प्रकार, आतंकवादियों को गांव पर पुन: आक्रमण करने से रोकने के लिए हिन्दू बंदूक चलाने का अभ्यास कर रहे हैं ।

संपादकीय भूमिका

  • शासन जम्मू-कश्मीर में चूंकि हिन्दुओं की रक्षा करने में असमर्थ है, इसलिए उन्हें स्वयं शस्त्र  उठाने पड़ रहे हैं, यह व्यवस्था की विफलता है !
  • यह एक कटु सत्य कि पुलिस और प्रशासन न केवल कश्मीर बल्कि पूरे भारत में जिहादियों से हिन्दुओं की रक्षा कर पाने में विफल रहा है । इसलिए हिन्दूओं को अपनी रक्षा करने की नितांत आवश्यकता है !