मुसलमान प्रेमी कांग्रेस को कांग्रेस नेता ए.के. एंटनी ने दी स्वग्रही भेंट !
तिरुवनंतपुरम (केरल) – अल्पसंख्यकों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है, किन्तु जब कोई मंदिर जाता है, टीका या टिकली लगाता है, तो कहा जाता है कि वह ‘हिन्दुत्व’ के मार्ग को अपना रहा है। यह योग्य नहीं है। कांग्रेस अल्पसंख्यकों के साथ-साथ हिन्दुओं को भी दल से जोडने का प्रयत्न कर रही है । हिन्दू समुदाय भारत में बहुसंख्यक है, अत: बहुसंख्यक समुदाय को भी नरेंद्र मोदी के विरुद्ध लड़ाई में सम्मिलित करना चाहिए; कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए.के. एंटनी ने यहां कांग्रेस कार्यालय में दल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में यह वक्तव्य दिया । एंटनी ने केरल में सदा अल्पसंख्यकों को अधिक महत्व देने वाली कांग्रेस के विरुद्ध यह विचार प्रदर्शित किए हैं ।
#NarendraModi can be ousted from power if majority and minority come together: AK Antonyhttps://t.co/dkI1cgrE9F
— TIMES NOW (@TimesNow) December 29, 2022
वर्ष २०१४ के आम चुनाव में कांग्रेस की दारुण पराजय के उपरांत कांग्रेस ने विश्लेषण किया था। यह विश्लेषण एंटनी के नेतृत्व में किया गया था। इसके निष्कर्ष में कहा गया था कि ‘चुनाव में धर्मनिरपेक्षता और धर्मांध कट्टरता के बीच की लड़ाई ने कांग्रेस को प्रभावित किया। कांग्रेस को ‘अल्पसंख्यक प्रेमी’ समझा गया था।
भाजपा ने की कांग्रेस की आलोचना
१. एंटनी के वक्तव्य के आधार पर भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना की है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया कि एंटनी ने कांग्रेस की मत कोष (वोट बैंक) की राजनीति का चेहरा उजागर कर दिया है।
२. आंध्र प्रदेश के भाजपा नेता विष्णु वर्धन रेड्डी ने ट्वीट किया कि इससे विदित होता है कि राहुल गांधी जनेऊधारी ब्राह्मण होने का दावा क्यों कर रहे हैं.
३. बीजेपी के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि कांग्रेस के लिए भारतीय, भारतीय नहीं, बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक हैं तथा वे हिन्दू और मुसलमान में बंटे हुए हैं। एंटनी के वक्तव्य से स्पष्ट हो जाता है कि राहुल गांधी मंदिरों में क्यों जा रहे हैं?
संपादकीय भूमिकाराजनीतिक लाभ के लिए मुसलमानों को अपने निकट लाकर और ‘भगवा आतंकवादी’ बताकर हिन्दुओं को प्रताड़ित करने वाली कांग्रेस को अब सत्ता में आने के लिए हिन्दुओं का स्मरण हो रहा है । ध्यान रहे कि पाखंडी और हिन्दू-द्वेषी कांग्रेस के राजनीतिक अस्तित्व का जब तक सर्वनाश नहीं होता तब तक शांत नहीं बैठना चाहिए ! |