आंदोलनकारियों द्वारा पुलिस थाने पर आक्रमण : ३६ पुलिसवाले घायल
तिरूवनंतपुरम् (केरल) – केरल के विजिंजम में अदानी बंदरगाह का निर्माण कार्य चल रहा है । इस निर्माण कार्य का स्थानीय लोग पिछले कुछ माह से विरोध कर रहे हैं । उन्होने विविध माध्यमों से आंदोलन करते हुए इसका विरोध चालू रखा है; लेकिन २७ नवंबर को हुए आंदोलन ने हिंसक रुप ले लिया । इस समय आंदोलनकारियों ने पुलिस थाने पर आक्रमण किया । इस आक्रमण में ३६ पुलिसवाले घायल हो गए । उन सभी को उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया है ।
Mob led by Latin Catholic Church halts construction at Vizhinjam port, attacks police station with sticks and stones, 15 priests bookedhttps://t.co/DNUYwltAh2
— OpIndia.com (@OpIndia_com) November 28, 2022
आंदोलन करने वालों में से लगभग ५० लोगों के विरोध में अपराध प्रविष्ट कर उनमें से ५ लोगों को बंदी बनाए जाने से आंदोलनकारी भडक गए और उन्होंने पुलिस थाने पर आक्रमण किया । इस आक्रमण में थाने के महत्वपूर्ण कागजपत्र नष्ट हो गए, साथ ही ४ जीपें और २० दोपहिया वाहनों को हानि पहुंची । आंदोलनकारियों ने लाठियों और पत्थरों द्वारा पुलिस पर आक्रमण किया । वर्तमान में इस क्षेत्र में तनाव का वातावरण है । इस क्षेत्र में २०० अतिरिक्त पुलिस तैनात किए गए हैं ।
‘लेटिन कैथोलिक डायोसीज’ इस चर्चसंस्था की और से आंदोलन किया जा रहा है !आर्चबिशप थॉमस जे नेट्टो सहित अन्य पादरियों के विरोध में अपराध प्रविष्ट ! विजिंजम के लोग अदानी बंदरगाह का निर्माण कार्य रोका जाए और समुद्र तट की धूप का अध्ययन किया जाए ,ऐसी मांग कर रहे हैं । इसमें स्थानीय निवासी, मछली पकडने वाले और ‘लेटिन कैथोलिक डायोसीज’ के सदस्यों का समावेश है । १२० दिनों से चल रहे आंदोलन में मध्य में हिंसा भी हुई । इसके लिए विजिंजम पुलिस ने लेटिन आर्च बिशप थॉमस जे नेट्टो और अन्य धर्मगुरुओं सहित ५ लोगों के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया । |
संपादकीय भूमिकाचर्चसंस्था और पादरी हिंसा को प्रोत्साहन देते हैं, यह ध्यान में लें ! हमेशा हिन्दुओं के संतों पर टिप्पणी करने वाले आधुनिकतावादी और सर्वधर्मसमभाव वाले अब इस पर कुछ बोलेंगे क्या ? ईसाइयों के ‘पादरी अर्थात शांति की मूर्ति’ ऐसी भारत में दिखाई जाने वाली प्रतिमा कितनी झूठी है, यह इससे पूर्व भी सामने आया है और आज भी आया है, इस विषय में कोई भी कुछ नहीं बोलेगा ! |