मेरठ में मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले आरोपी को बंदी बनाया !

  • देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा जाना !

  • हिंदू संगठनों का आंदोलन !

मेरठ में मंदिर में तोड़फोड़

मेरठ (उत्तर प्रदेश) – यहां के श्री शनिदेव के मंदिर में तोड़-फोड़ एवं मूर्तियों को खंडित करने वाले आरोपियों को पुलिस ने बंदी बना लिया है । यह घटना २३ नवंबर को हुई थी । ऐसा बताया जा रहा है कि उन्हें पुलिस ने बंदी बना लिया है ।

२३ नवंबर को प्रात: ६ बजे जब मंदिर के पुजारी मंदिर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मंदिर का सामान अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है एवं भगवान शनि, भगवान गणपति और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां क्षतिग्रस्त पड़ी हैं । मूर्तियों के चलचित्र सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित होने के उपरांत हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मंदिर के पास एकत्र हुए । उसके उपरांत सभी ने आरोपी को बंदी बनाने की मांग की । घटना की जानकारी प्राप्त होते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और लोगों से शांति बनाए रखने का आवाहन किया ।

(कहते हैं) ‘आरोपी ने उन्माद में यह कृत्य किया !’ – पुलिस अधीक्षक

इसके उपरांत मेरठ के पुलिस अधीक्षक पीयूष सिंह ने हिंदुओं को सूचित किया कि उन्होंने इस प्रकरण में एक संदिग्ध को बंदी बनाया है और कहा कि उसने मद्योन्माद में यह कृत्य किया है। (पुलिस हमें यह क्यों नहीं बताती कि मद्य सेवन कर केवल हिंदू मंदिरों में ही तोडफ़ोड़ क्यों की जाती है ? यदि किसी को लगता है कि पुलिस घटना की गंभीरता को कम करने का प्रयत्न कर रही है तो इसमें अनुचित क्या है? – संपादक) सिंह ने कहा अपराधियों के विरुद्ध पुलिस अन्वेषण कर रही है तथा नवीन मूर्तियों की स्थापना करने का आश्वासन भी उन्होंने दिया।

संपादकीय भूमिका

  • क्या मस्जिदों या गिरजाघरों में कभी तोड़फोड़ की जाती है? हिंदू संगठित न होने के कारण उनके पूजा स्थलों पर कोई भी अक्रमण कर देता है ! यह हिंदुओं के लिए लज्जास्पद है !
  • जब उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है तब ऐसी घटनाएं होती ही कैसे हैं? सरकार को ऐसे लोगों के विरुद्ध कडी से कडी  कार्रवाई करनी चाहिए !